चंडीगढ़ में 17 जनवरी को होने वाले मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. 15 दिन पहले ही चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने से पार्टियों को जोड़-तोड़ करने का तो पर्याप्त समय मिल गया, लेकिन क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) की पूरी संभावना बनी हुई है. आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री से जहां बीजेपी (BJP) और कांग्रेस की टक्कर पहले ही कम हो चुकी है. वहीं कांग्रेस (Congress) अब आप और बीजेपी दोनों का समीकरण बिगाड़ सकती है.

पार्षद शहर छोड़कर पहले ही जा चुके है बाहरकांग्रेस, आप और बीजेपी तीनों पार्टियों के पार्षद पहले ही शहर छोड़कर बाहर जा चुके हैं. लेकिन पार्षदों और उनके नेताओं को क्रास वोटिंग के लिए लगातार उनसे संपर्क किया जा रहा है. जहां आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि बीजेपी का सीनियर पार्षदों की अनदेखी करने का फायदा उन्हें मिलने वाला है. बीजेपी ने पहली बार पार्षद बने अनूप गुप्ता मेयर उम्मीदवार बनाया है. जिससे कुछ सीनियर पार्षद नाराज हैं. आप को उम्मीद है कि पार्टी में चल रही इस नाराजगी का फायदा उन्हें मिलने वाला है.

‘आप’ कर रही है कांग्रेस पार्षदों से संपर्क शनिवार को कांग्रेस पार्षद हिमाचल के कुफरी में बर्फबारी का लुत्फ उठाते हुए दिखे. इससे पहले उन्होंने हिमाचल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से भी मुलाकात है. बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के इन पार्षदों से संपर्क करने की कोशिश में जुटी है ताकि वो इन्हें मतदान के लिए चंडीगढ़ बुला सके. वही कांग्रेस नेता एचएस लक्की का कहना है कि आप या बीजेपी ने किसी भी पार्षद से अपने पक्ष में वोट करवाया तो फिर बचे हुए सारे पार्षद उसके खिलाफ लड़ रहे उम्मीदवार को वोट करेंगे. आप और बीजेपी दोनों दलों के लिए मुश्किल यह भी है कि वो कांग्रेस पार्षदों पर विश्वास करें भी तो कैसे. वही अकाली दल के भी एक पार्षद हरदीप सिंह है. जिनसे आप और बीजेपी अपने पक्ष में करने के लिए जुटी हुई है.

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