Chandigarh: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह भी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. न्यायाधीशों ने कुछ मतपत्रों में कथित छेड़छाड़ के मामले में अनिल मसीह से कड़े सवाल किए. इसको लेकर हरियाणा कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर का सुप्रीम कोर्ट में बयान ‘लोकतंत्र की हत्या’ का कबूलनामा है.


दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे लिखा कि अब यह बात किसी से छिपी नहीं है कि ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ का जुमला देने वाले दरअसल ‘फादर आफ हिपोक्रिसी’ हैं. लोकतंत्र संविधान के आदर्शों पर यकीन करने और उन्हें व्यवहार में लाने से फलता फूलता है, जुमलों से नहीं. सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी हद तक पतन के लिए तैयार बीजेपी को आईना दिखा कर लोकतंत्र की लाज बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का हृदय से आभार.


बता दें कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन में चंडीगढ़ मेयर चुनाव लड़ा था. इसके बावजूद चुनाव में बीजेपी के मेयर प्रत्याशी की जीत हुई. बीजेपी प्रत्याशी मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था, उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 के मुकाबले 16 वोट मिले थे, जबकि 8 वोट अवैध घोषित किए गए थे.


आज अहम फैसले का दिन
वहीं चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट मतदान या पुराने मतपत्र की फिर गिनती पर फैसला लेगा. कोर्ट की तरफ से सोमवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जमा बैलेट पेपर और रिकॉर्ड अपने पास तलब किया था. आज रजिस्ट्रार जनरल की ओर से नामित एक न्यायिक अधिकारी की तरफ से इसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा.


इसके साथ ही निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह मंगलवार को फिर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. दोपहर 2 बजे तय हो जाएगा कि खराब किए गए मतदान पत्रों की फिर से गिनती होगा दोबारा मतदान करवाया जाएगा. वही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पार्षदों की दलबदल पर भी चिंता जताई गई. 


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