Punjab News: कहा जाता है कि जिनके हौसले बुलंद होते है वो कभी अपनी कमियों पर आंसू नहीं बहाया करते, वो बस अपनी परिस्थितियों से लड़कर आगे बढ़ते है. कुछ इन्हीं शब्दों को चरितार्थ किया है. मानसा जिले के गांव जट्टाना कला की रहने वाली एक नेत्रहीन लड़की ने. उत्तरप्रदेश के लखनऊ में हुई जूडो कराटे चैंपियनशिप में नेत्रहीन वीरपाल कौर ने गोल्ड मेडल जीता है. गांव पहुंचने पर नेत्रहीन वीरपाल कौर का जोरदार स्वागत किया गया. वीरपाल कौर बचपन से ही नेत्रहीन है.


जज्बे से पाई जीत
नेत्रहीन होने के बावजूद अपनी मंजिल को पाने का जज्बा रखने वाली मानसा जिले के गांव जट्टाना कला में वीरपाल कौर ने पांचवी कक्षा तक अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है. इसके बाद वो पढ़ने के लिए पटियाला के मूक-बधिर स्कूल में चली गई, वही से उसने शिक्षा प्राप्त की.   वीरपाल कौर ने कभी भी अपने आप को कमजोर नहीं समझा और अपनी मंजिल को पाने का जज्बा रखा. इस कड़ी में वो लखनऊ में हो रहे खेलों में जुडो कराटे चैंपियनशिप में हिस्सा लेने पहुंची. जहां वीरपाल कौर ने गोल्ड मेडल जीतकर मानसा जिले का नाम रोशन किया.


अध्यापकों ने बढ़ाया हौसला
अपने इस सफर के बारे में बोलते हुए वीरपाल कौर ने कहा कि उनके मन में डर था कि यह कैसे होगा मगर उनके कुछ और अध्यापकों ने उसका हौसला बढ़ाया तो मैंने मन में यह ठान लिया कि बेशक में शरीर पर नेत्रहीन हूं मगर कमजोर नहीं और आज उसी का नतीजा है. दूसरी और वीरपाल कौर के पिता ने बताया कि उसके दो बच्चे हैं दोनों ही बचपन से नेत्रहीन हैं, जिन्होंने पांचवी कक्षा तक गांव के स्कूल में ही शिक्षा ली और बाद में शिक्षा के लिए दोनों को पटियाला भेजा दिया.


गांव और जिले का नाम किया रोशन
वही वीरपाल कौर अध्यापक ने उसकी मेहनत को देखते हुए उसे खेलों की तरफ ध्यान देने को कहा. साथ ही कहा कि उसने नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर गांव और मानसा जिले का नाम किया है. उन्होंने कहा कि वीरपाल और उसका भाई बचपन से नेत्रहीन होने के बावजूद भी उनकी सच्ची लगन और मेहनत से यह मुकाम हासिल कर पाई है.


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