केंद्र सरकार द्वारा कथित तौर पर संविधान के अनुच्छेद 240 के दायरे में चंडीगढ़ को शामिल करने के लिए एक विधेयक संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में लाने की योजना के दावों के बीच गृह मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है. पत्र सूचना कार्यालय की गृह मंत्रालय इकाई द्वारा सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया कि इस पर कोई विधेयक शीतकालीन सत्र में लाने की योजना नहीं है.
मंत्रालय ने कहा- संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़ के लिए सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव अभी केंद्र सरकार के स्तर पर विचाराधीन है. इस प्रस्ताव पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इस प्रस्ताव में किसी भी तरह से चंडीगढ़ की शासन-प्रशासन की व्यवस्था या चंडीगढ़ के साथ पंजाब या हरियाणा के परंपरागत संबंधों को परिवर्तित करने की कोई बात नहीं है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि चंडीगढ़ के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी हितधारकों से पर्याप्त विचार विमर्श के बाद ही उचित निर्णय लिया जाएगा. इस विषय पर चिंता की आवश्यकता नहीं है. आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र मे इस आशय का कोई बिल प्रस्तुत करने की केंद्र सरकार की कोई मंशा नहीं है.
बता दें संविधान के अनुच्छेद 240 के तहत राष्ट्रपति को संघ शासित क्षेत्र के लिए सीधे विनियम और कानून बनाने का अधिकार प्राप्त होता है. केंद्र की ओर से इस संबंध में पेश अगर विधेयक पारित होता है तो चंडीगढ़ में एक स्वतंत्र प्रशासक की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, जैसा कि पहले यहां स्वतंत्र मुख्य सचिव होता था.
चंडीगढ़ में क्या है मौजूदा स्थिति?
मौजूदा समय में पंजाब के राज्यपाल ही चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक होते हैं. इससे पहले, एक नवंबर 1966 से जब पंजाब का पुनर्गठन हुआ था तब चंडीगढ़ का प्रशासन स्वतंत्र रूप से मुख्य सचिव द्वारा किया जाता था. हालांकि, एक जून 1984 से चंडीगढ़ का प्रशासन पंजाब के राज्यपाल द्वारा किया जा रहा है और मुख्य सचिव का पद केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक के सलाहकार में परिवर्तित कर दिया गया था. अगस्त 2016 में, केंद्र ने पुरानी व्यवस्था बहाल करने की कोशिश और स्वतंत्र प्रशासक के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी के. जे. अल्फोंस को नियुक्त किया.
2016 में पुरानी व्यवस्था बहाल करने की कोशिश थी लेकिन...
हालांकि, तत्कालीन पंजाब के मुख्यमंत्री और तब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) सहित अन्य दलों के कड़े विरोध के कारण इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका. चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की संयुक्त राजधानी है. पंजाब चंडीगढ़ पर दावा करता है और उसने तत्काल इसे पंजाब को हस्तांतरित करने की मांग की है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह मांग हाल ही में फरीदाबाद में संपन्न हुए उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भी दोहराई.