Punjab News: कनाडा और भारत के बीच चल रहे विवाद को लेकर कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों और उनके 42 आश्रितों को वापस बुला लिया है. जिसको लेकर शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि कनाडा के 41 राजनयिकों को वापस भेजने के फैसले का सबसे ज्यादा असर पंजाब और पंजाबियों पर पड़ेगा. कनाडा में बसे लाखों एनआरआई हर साल पंजाब आते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं.


‘दोनों देशों की सरकारें न सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलाझाए मुद्दा’
अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने आगे कहा कि पंजाब से हर साल हजारों छात्र कनाडा जाते हैं. स्टाफ में कमी के कारण वीजा जारी करने की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित होगी. जिसके परिणामस्वरूप इन छात्रों के लिए समस्याएं पैदा होंगी. मैं एक बार फिर भारत और कनाडा दोनों देशों की सरकार से इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का आग्रह करता हूं ताकि लाखों लोगों को वर्तमान स्थिति के कारण आने वाली समस्याओं से बचाया जा सके.



‘पंजाबियों को निशाना बनाया जा रहा है’
बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पंजाबियों को, पग वालों को सोशल तौर पर, धार्मिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा है. इसका उन्हें बड़ा दुख है. कोई गलती करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन उसके लिए सारी कम्युनिटी क्यों सफर करें. वहीं उन्होंने पंजाब विधानसभा के सत्र को अवैध करार दिया. इसके अलावा उन्होंने एसवाईएल को लेकर कहा कि पंजाब सरकार एसवाईएल को लेकर घटिया राजनीति कर रही है.  


सहायक प्रोफेसर  की आत्महत्या पर भी मजीठिया की आई प्रतिक्रिया
रुपनगर से सहायक प्रोफेसर द्वारा आत्महत्या करने के मामले पर भी बिक्रम सिंह मजीठिया की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि रोपड़ के एसएसपी विवेक शील सोनी ने मंत्री द्वारा की जा रही अवैध माइनिंग पर अपनी आंखें बंद कर ली हैं. हमें उम्मीद है कि उनके द्वारा इस सुसाइड लेटर को भी नजरअंदाज किया जाएगा, जिसमें रोपड़ में आत्महत्या करने वाली प्रोफेसर बलविंदर कौर ने अपनी आत्महत्या के लिए साफ तौर पर मंत्री हरजोत सिंह बैंस को जिम्मेदार ठहराया है. मंत्री बैंस के खिलाफ एसएसपी विवेक शील सोनी से कोई उम्मीद नहीं. भारी दबाव, पब्लिक है सब जानती है. 


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