Amritsar Latest News: पंजाब के अमृतसर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि रविवार को 715 पंचायतों ने सर्वसम्मति से बड़ा फैसला लिया है. इन पंचायतों ने अब चोरी या अन्य क्रिमिनल गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों का समर्थन नहीं करने की घोषणा की है. पंचायतों के इस फैसले से नशे खिलाफ मुहिम को बल मिला है.
अमृतसर के प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक यह पहल ड्रग के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है. यह इस खतरे से निपटने के लिए गांव के लोगों के मजबूत संकल्प का प्रतीक है. अधिकारियों ने कहा कि अजनाला ब्लॉक में 64, अटारी में 52, चोगावान में 90, हर्षा छीना में 64, जंडियाला में 48, मजीठा में 95, रामदास में 60, राया में 87, तरसिका में 83 और वेरका ब्लॉक में 72 पंचायतों ने ड्रग के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए हैं. इन पंचायतों का यह फैसला ड्रग मुक्त पंजाब बनाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. डीसी ने की ग्रामीणों से अपील दरअसल, डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने पंचायतों से आग्रह किया था कि वे पुलिस को ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करें. साथ ही ड्रग को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन का सहयोग करें. उन्होंने कहा, "प्रशासन ने नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्रों में नशे के आदी लोगों को मुफ्त इलाज और भोजन उपलब्ध कराने की पहल भी शुरू की है. इसके अतिरिक्त गांवों में बड़े पैमाने पर खेल स्टेडियम बनाने की योजना पर काम चल रहा है, जिससे युवा रचनात्मक गतिविधियों में शामिल हो सकें." 'न्याय की लड़ाई है ड्रग्स के खिलाफ मुहिम' इससे पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अमृतसर में कहा था कि पंजाब सरकार ने प्रदेश में नशा और भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. पंजाब की जनता हमारे साथ है. नशे के खिलाफ पंजाब में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. उन्होंने ये भी कहा था कि नशे के खिलाफ आप सरकार की मुहिम रुकेगी नहीं. यह नशे के कारोबार को पंजाब में पूरी तरह से समाप्त करेगी. नशे के खिलाफ इस मुहिम को उन्होंने न्याय की लड़ाई करार दिया है.