खडूर साहिब के सांसद और एनएसए के तहत जेल में बंद अमृतपाल सिंह को झटका लगा है. पंजाब सरकार ने संसद सत्र के शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए अस्थायी रिहाई के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है. 1 दिसंबर 2025 से संसद का सत्र शुरू होने वाला है. पंजाब सरकार का यह फैसला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में पंजाब के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा जारी किया गया. अमृतपाल सिंह करीब दो सालों से जेल में बंद हैं. फिलहाल वे असम की डिब्रुगढ़ जेल में हैं. 

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सुप्रीम कोर्ट में एनएसए को दी थी चुनौती

इसी महीने अमृतपाल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 10 नवंबर को सुनवाई से इनकार कर दिया और इस मामले में हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया है.

जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने अमृतपाल को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा कि याचिका पर छह सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी कर निपटारा किया जाए.

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उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि एक निर्वाचित सांसद का कामकाज रोकना उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि एनएसए के तहत उनकी हिरासत राजनीतिक रूप से प्रेरित है और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है. याचिका में केंद्र और पंजाब सरकार को पक्षकार बनाया गया था.

मार्च 2023 से जेल में बंद हैं सांसद अमृतपाल सिंह

मार्च 2023 में पंजाब पुलिस ने अमृतपाल और उनके 9 सहयोगियों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें एनएसए के तहत डिब्रूगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया. करीब 2 सालों से जेल में बंद सांसद ने संसद के सत्र में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी थी. अमृतपाल पर खालिस्तान समर्थन, राज्य के खिलाफ युद्ध भड़काने और रेडिकल विचारधारा फैलाने के आरोप हैं. वे 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब से जीतकर सांसद बने थे.