मेरठ, एबीपी गंगा। मेरठ शहर से थोड़ी दूर सरधना चर्च में एक मूर्ति ऐसी स्थापित है, जिसे चमत्कारी मूर्ति कहा जाता है. मान्यता है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वो जरूर पूरी होती है. मदर मैरी ( माता मरिया) की इस चमत्कारी मूर्ति के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. हालांकि, आजकल कोरोना काल में यहां सन्नाटा पसरा हुआ है.


यह मूर्ति मेरठ से तकरीबन तीस किलोमीटर दूर सरधना चर्च में रखी है. माता मरिया की इस मूर्ति को देखने के लिए यहां हमेशा तांता लगा रहता था लेकिन आजकल कोरोना काल में यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. चर्च में मौजूद चमत्कारी तस्वीर के कारण ही वर्ष 1961 में पोप ने चर्च को छोटी बसिलिका का खिताब दिया था. इसी चमत्कारी तस्वीर के कारण हर वर्ष इस चर्च में विशेष प्रार्थना और मेले की परंपरा शुरू हुई थी. जिसमें देश विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां इकट्ठा होते हैं.


बताया जाता है कि बेगम समरू ने इस चर्च को बनवाया था. इस चर्च में वर्ष 1957 में मेरठ की नई डायस के बिशप इटली से आई माता मरिया की तस्वीर एक बड़े जुलूस के रूप में लेकर यहां पहुंचे थे. बेगम समरू द्वारा बनवाया गया है यह चर्च करीब 11 साल में बनकर तैयार हुआ. इस चर्च के निर्माण का कार्य साल 1809 में शुरू हुआ था. गिरजाघर के खास दरवाजे पर इस इमारत के बनने का साल 1822 दशार्या गया है. सरधना स्थित बेगम समरू के चर्च की इमारत बेहद ही खूबसूरत बनाई गई है. चर्च की दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है. जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है.


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