Ramgiri Maharaj on Prophet Mohammad: छत्रपती संभाजीनगर के वैजापुर शहर में तब तनाव बढ़ गया जब रामगिरी महाराज के विवादित बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उनके ऊपर सिन्नार के पंचाले में पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद बयान देने का आरोप है.

Continues below advertisement

मुस्लिम समुदाय के लोग डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर चौक पर एकत्रित होकर नारेबाजी करने लगे. शाम 8 बजे से ही चौक पर भीड़ जमा होने लगी थी, जिसने रामगिरी महाराज के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. पुलिस द्वारा भीड़ को शांत करने और उचित कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद हालात कुछ सामान्य हुए.

जमकर हुआ विरोध-प्रदर्शनइसी बीच अहमदनगर शहर में धार्मिक नेताओं ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए विरोध सभा का आयोजन किया और कार्रवाई की मांग उठाई गई. शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय ने शहर में चक्का जाम कर प्रदर्शन किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. नासिक में भी मुस्लिम समुदाय ने येवला और मनमाड पुलिस स्टेशनों का घेराव किया और रामगिरी महाराज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.

Continues below advertisement

रामगिरी महाराज के खिलाफ केस दर्जआखिरकार, येवला सिटी पुलिस स्टेशन में रामगिरी महाराज के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया. उनके विवादित बयान के चलते श्रीरामपुर, संगमनेर, अहमदनगर, और छत्रपति संभाजीनगर में विरोध प्रदर्शन किए गए. इन प्रदर्शनों में रामगिरी महाराज की गिरफ्तारी की भी मांग की गई.

छत्रपति संभाजीनगर में भी एक समुदाय बड़ी संख्या में पुलिस स्टेशन के सामने एकत्र हुआ और सिटी चौक पुलिस स्टेशन में रामगिरी महाराज के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की. पुलिस द्वारा भीड़ को समझाया गया कि वैजापुर थाने में धारा 302 के तहत मामला दर्ज हो चुका है, जिसके बाद स्थिति शांत हुई.

चूंकि यह घटना नासिक जिले के सिन्नार तालुका के पंचाले गांव में हुई थी, संगमनेर पुलिस ने सिन्नार पुलिस के साथ मामले की जांच के लिए केस फाइल किया. दूसरी ओर, महंत रामगिरी महाराज ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर अपराध दर्ज हुआ है, तो नोटिस आएगा, तब देखा जाएगा."

कौन हैं रामगिरी महाराज?बीबीसी के अनुसार, रामगिरी महाराज का असली नाम सुरेश रामकृष्ण राणे है. वे जलगांव जिले में पैदा हुए और वहीं अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. 1988 में, जब सुरेश राणे 9वीं कक्षा में थे, तब उन्होंने स्वाध्याय केंद्र में गीता और भावगीता के अध्यायों का अध्ययन करना शुरू किया. 10वीं कक्षा पास करने के बाद उनके भाई ने उन्हें आईटीआई करने के लिए अहमदनगर के केडगांव में भर्ती कराया.

हालांकि, उन्होंने अपनी पढ़ाई को आगे न बढ़ाते हुए आध्यात्मिक मार्ग चुना. 2009 में उन्होंने दीक्षा ली और गंगागीर महाराज के शिष्य नारायणगिरि महाराज के शिष्य बन गए. 2009 में नारायणगिरि महाराज की मृत्यु के बाद, रामगिरी महाराज सरला द्वीप के सिंहासन के उत्तराधिकारी बने, लेकिन इस पर भी विवाद हुआ. कोर्ट के फैसले के बाद रामगिरी महाराज को उत्तराधिकारी घोषित किया गया.

हर साल नासिक जिले के सिन्नर तालुका के पंचाले में लाखों लोग आते हैं. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में यहां का दौरा किया था, जिससे रामगिरी महाराज का धार्मिक केंद्र और भी सुर्खियों में आ गया.

ये भी पढ़ें: 'MVA सरकार ने फडणवीस की गिरफ्तारी की योजना बनाई...', CM शिंदे का उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप