महाराष्ट्र में आगामी महापालिका चुनावों के मद्देनजर जहां एक ओर ठाकरे बंधुओं के गठबंधन की चर्चा तेज हो रही है, वहीं दूसरी ओर शिवसेना का 'दसरा मेलावा' 2 अक्टूबर को होने जा रहा है. उद्धव ठाकरे की शिवसेना के इस मेलावे में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे आएंगे क्या? उन्हें निमंत्रण दिया जाएगा क्या? इस दशहरा रैली में गठबंधन को लेकर कोई निर्णय किया जाएगा? ऐसे कई सवालों पर राजनीतिक चर्चाएं तेज हैं. दशहरा रैली पर दोनों भाइयों की मुलाकात होने के संकेत संजय राउत ने दिए हैं. 

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हालांकि मनसे की ओर से कहा गया है कि इस पर अंतिम निर्णय राज ठाकरे ही लेंगे. अब ऐसे में इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या वाकई इस दसरे के मुहूर्त पर गठबंधन की घोषणा की जाएगी? क्या दोनों बंधुओं के बीच विचारों का आदान-प्रदान होगा? राजनीतिक हलकों में इसी पर तरह-तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं.

हाल में कई मौकों पर साथ दिखे ठाकरे ब्रदर्स

मुंबई में मराठी मुद्दे पर आयोजित एक रैली में पहले दोनों भाई एक साथ दिखे थे. उसके बाद उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर राज ठाकरे मातोश्री  जाकर उन्हें शुभकामनाएं दी थी. इसके बाद उद्धव ठाकरे गणेशोत्सव पर अपने परिवार के साथ राज ठाकरे के शिवतीर्थ बंगले पर गणपति दर्शन के लिए पहुंचे. फिर उद्धव ठाकरे शिवतीर्थ जाकर मावशी से मिलने भी पहुंचे, जिससे अचानक राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज़ हो गईं. 

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दशहरा रैली में साथ दिखेंगे राज और उद्धव ठाकरे?

अब दशहरा रैली का मौका है. राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन पर भले ही अंतिम निर्णय न हुआ हो, लेकिन प्राथमिक चर्चा होने की जानकारी सामने आई है. इसलिए चर्चा है कि दशहरे पर ही गठबंधन की औपचारिक घोषणा होगी. शिवसेना के 'दसरा मेलावे' की 58 साल की परंपरा है. पहले शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे इस मेलावे में विचारों का खजाना बांटकर शिवसैनिकों को आशीर्वाद देते थे. अब शिवसेना यूबीटी प्रमुख भाषण के जरिए कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और नेताओं को दिशा देते हैं. 

दशहरा रैली से उद्धव ठाकरे करेंगे चुनाव प्रचार की शुरूआत!

इस बीच, दसरे के बहाने शिवसेना की ओर से महापालिका चुनाव प्रचार की शुरुआत की जाएगी. उद्धव ठाकरे अपने भाषण में मनसे के गठबंधन पर क्या बोलते हैं, इस पर भी सबकी नजर होगी. इस दसरे पर क्या राजनीतिक मंच पर नहीं तो कम से कम पारिवारिक मुलाक़ात में दोनों भाई फिर एक साथ दिखाई देंगे? इस पर जनता और राजनीतिक हलकों की नज़र रहेगी.

शिवसेना (यूबीटी) के दसरा मेलावे की परंपरा, पार्टी के नियम और मेलावे की मर्यादाओं के कारण राज ठाकरे को मंच पर बुलाने में कुछ अड़चनें भले हों, लेकिन संजय राउत के संकेत से माना जा रहा है कि दशहरा रैली में दोनों भाइयों की मुलाकात हो सकती है. गठबंधन को लेकर चर्चाओं में आगे बढ़ने के लिए क्या दसरे का यह अवसर निर्णायक साबित होगा? इस पर सबकी खास नजरें रहेंगी.