Hindi in Maharashtra: महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी संबंधी सरकारी आदेश वापस लिए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये मराठी मानुष की जीत है. उन्होंने फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को यह अहसास नहीं था कि मराठी मानुष इस तरह से एकजुट हो जाएगा.

उद्धव ठाकरे ने कहा, ''मराठी मानुष की शक्ति के आगे सरकार हार गई. सरकार ने जीआर वापस ले लिया ताकि मराठी मानुष 5 जुलाई के मोर्चे के लिए एकजुट न हो पाएं.''

विजय मोर्चा का ऐलान

उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आरोपों पर कहा कि बीजेपी झूठ की फैक्टरी है. साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी पर जीआर वापस लिये जाने के बाद अब पांच जुलाई को विजय मोर्चा निकाला जाएगा.

आदेश में क्या था?

महाराष्ट्र सरकार ने 17 जून को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को हिंदी सामान्य रूप से तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी. इसी फैसले के खिलाफ विपक्षी पार्टियां आक्रामक हो गई. 

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने विरोध में 5 जुलाई को मार्च बुलाने का ऐलान किया. दोनों भाई करीब 20 साल बाद एक मंच पर नजर आने वाले थे.

सीएम ने किया ऐलान

सीएम ने खुद आदेश वापस लेने की घोषणा की. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ रविवार (29 जून) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भाषा नीति के कार्यान्वयन और आगे की राह सुझाने के लिए शिक्षाविद् नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फडणवीस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे ने कक्षा 1 से 12 तक तीन-भाषा की नीति लागू करने के लिए डॉ. रघुनाथ माशेलकर समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था और नीति के कार्यान्वयन पर एक समिति गठित की थी.

फडणवीस ने कहा, ‘‘राज्य मंत्रिमंडल ने पहली कक्षा से ‘त्रि-भाषा’ नीति के क्रियान्वयन के संबंध में अप्रैल और जून में जारी दो सरकारी आदेश (जीआर) वापस लेने का निर्णय लिया है. (त्रि-भाषा नीति के) क्रियान्वयन की सिफारिश के लिए डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी.’’