उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को सोमवार (27 जनवरी) को बड़ा झटका लगा. पार्टी की सीनियर महिला नेता राजुल पटेल ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थाम लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे समय से शिवसेना (यूबीटी) में काम करने के बावजूद भी उनकी अनदेखी हुई. राजुल पटेल का पार्टी से अलग होना बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.
क्या बोलीं राजुल पटेल?
शिवसेना का दामन थामने के बाद उन्होंने कहा, "लंबे समय से पार्टी में काम करने के बाद मेरी अनदेखी हुई. एकनाथ शिंदे ने हमेशा आम लोगों के लिए काम किया. बतौर मुख्यमंत्री मैं उनके काम से प्रभावित हुई. इसलिए मैंने पार्टी का दामन थामने का फैसला किया."
कौन हैं राजुल पटेल?
राजुल पटेल वर्सोवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं. लेकिन उनकी जगह पार्टी ने हारू खान को मैदान में उतारा. इस सीट से हारून जीत गए. पटेल तीन बार नगर सेवक रह चुकी हैं. वो नगर निगम की अलग-अलग समितियों में कई पदों पर सेवा दे चुकी हैं. वह शिवसेना (यूबीटी) की सबसे वरिष्ठ महिला नेताओं में से एक के रूप में जानी जाती थीं और विधानसभा चुनावों के लिए आयोजक के रूप में काम करती थीं. उन्होंने साल 2019 में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. माना जाता है कि वर्सोवा में उनकी मजबूत पैठ है.
क्या बोले आदित्य ठाकरे?
आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम महाराष्ट्र के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा इससे फर्क नहीं पड़ता कि कोई जा रहा है. ठाकरे ने कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए धोखा दे रहे हैं. बता दें कि इसी साल बीएमसी के चुनाव होने हैं. विधानसभा में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उद्धव ठाकरे किए स्थानीय निकाय चुनाव में अपनी साख को बचाना बड़ी चुनौती है.
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