महाराष्ट्र में करीब दो दशक तक राजनीतिक में अलग रास्तों पर चलने वाले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर दिखे. इस एकजुटता पर सियासी प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है. भिवंडी ईस्ट से विधायक रईस शेख ने जहां इस एकजुटता को भावनात्मक मुद्दों की राजनीति बताया और असहमति जताई, वहीं मानखुर्द-शिवाजीनगर से सपा विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि ठाकरे बंधुओं की ताकत बढ़ेगी.

'बीजेपी के खिलाफ कोई खड़ा रहता है तो...'

न्यूज़ एजेंसी IANS से बातचीत में सपा विधायक रईस शेख ने कहा, "बीजेपी के खिलाफ कोई भी खड़ा रहता है तो मुझे लगता है कि महाराष्ट्र को उसका साथ देना चाहिए. लेकिन ये जो आज भावनिक मुद्दों को लेकर जिस तरह से एकजुट होने की बात हो रही है उससे हम सहमत नहीं हैं."

ताकत जरूर बढ़ेगी- अबू आसिम आजमी

वहीं मानखुर्द शिवाजीनगर से सपा विधायक अबू आसिम आजमी ने भी ठाकरे बंधुओं पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "जरूर उनकी ताकत बढ़ेगी. दोनों साथ में आए तो जरूर होगा."

हिंदी थोपने की साजिश बर्दास्त नहीं- उद्धव ठाकरे

गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने रैली में कहा कि वह और राज ठाकरे अब मिलकर मराठी भाषा, मराठी मानुष और महाराष्ट्र के हक के लिए लड़ेंगे. उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में हिंदी थोपने की साजिश हो रही है, जिसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे.

'...तो हम ऐसे गुंडे हैं' उद्धव ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह सहयोगियों को सिर्फ इस्तेमाल करने के लिए रखती है. उन्होंने कहा, "हमने न तो हिंदुत्व छोड़ा है, न ही मराठी गौरव. हिंदुत्व किसी एक भाषा की बपौती नहीं है." ठाकरे ने मुख्यमंत्री फडणवीस को घेरते हुए कहा कि जब मराठी लोग न्याय मांगते हैं तो उन्हें गुंडा कहा जाता है. उन्होंने कहा, "अगर मराठी का साथ देने वाले गुंडे कहलाते हैं, तो हम ऐसे 'गुंडे' हैं."