सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाई कोर्ट करने की मांग वाली एक याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया है. जानकारी के मुताबिक जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाम की बेंच के समक्ष याचिका खारिज कर दी गई.


इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में संसदीय प्रक्रियाएं हैं. इसमें न्यायालयों द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है, और यदि ऐसा परिवर्तन किया जाना है, तो इसे संसदीय या विधायी निकाय के माध्यम से किया जाना चाहिए इसलिए कोर्ट इस मामले में दखल नहीं देगा. इसलिए कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है. क्योंकि अगर नागरिकों के मूल अधिकारों का हनन होता है तो वे कोर्ट में शिकायत कर सकते हैं, कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में ऐसा कोई जिक्र नहीं है.


'बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाई कोर्ट किया जाना चाहिए'


जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 1960 में एक आदेश जारी किया था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि 'बॉम्बे उच्च न्यायालय' अब से 'महाराष्ट्र उच्च न्यायालय' के रूप में जाना जाएगा. लेकिन इस आदेश को लागू नहीं किया गया और बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम वही रहा, 1995 में बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई कर दिया गया, इसलिए बॉम्बे नामक शहर अब मौजूद नहीं है, लेकिन हाईकोर्ट 'बॉम्बे' के नाम पर ही है, 2016 में, बॉम्बे हाई कोर्ट का नाम बदलकर 'महाराष्ट्र उच्च न्यायालय' करने के लिए एक बिल संसद में पेश किया गया था. वह बिल पास नहीं हो सका.


इसलिए याचिका में मांग की गई है कि बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाईकोर्ट किया जाए. इस बीच, भले ही 'बॉम्बे' का नाम बदलकर बॉम्बे कर दिया गया हो, फिर भी कोर्ट को बॉम्बे हाई कोर्ट कहा जाता है. क्‍या इस संबंध में कोई नया आंदोलन हुआ है? यह देखना महत्वपूर्ण होने जा रहा है.


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