Manoj Jarange on Maratha Reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन एक बार फिर चर्चा में है. लंबे समय से आरक्षण की मांग को लेकर सक्रिय नेता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुके हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो राज्यभर में आंदोलन तेज किया जाएगा. ये बात जरांगे ने उदय सामंत से मुलाकात के दौरान कही.

23 अप्रैल को होगी महत्वपूर्ण बैठकदरअसल 16 अप्रैल को बीड दौरे पर पहुंचे महायुती सरकार के उद्योग मंत्री उदय सामंत (Uday Samant) की छत्रपति संभाजीनगर जाते समय अचानक मुलाकात मनोज जरांगे से हुई. यह मुलाकात अहम मानी जा रही है. मुलाकात के बाद उदय सामंत ने बताया कि मनोज जरांगे की मांगों पर 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के साथ बैठक होगी.

गौरतलब है कि मनोज जरांगे पिछले दो वर्षों से मराठा आरक्षण को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. इससे पहले भूख हड़ताल के दौरान सरकार ने उन्हें कुछ आश्वासन दिए थे, लेकिन अब उन आश्वासनों की समयसीमा पूरी हो चुकी है. ऐसे में जरांगे एक बार फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं.

क्या हैं मनोज जरांगे की मांगें?मनोज जरांगे की मुख्य मांगें हैं कि सभी मराठा लोगों को सार्वभौमिक 'कुनबी' प्रमाणपत्र दिया जाए. इसके साथ ही मराठा समुदाय के लिए पहले से घोषित तीनों राजपत्र (सरकारी निर्णय) को पूरी तरह लागू किया जाए. इसके अलावा जिन अधिकारियों ने अब तक कुनबी प्रमाणपत्र जारी नहीं किए हैं, उन्हें निलंबित किया जाए और कुनबी अभिलेखों की खोज प्रक्रिया में तेजी लाई जाए.

जरांगे ने साफ कहा है कि यदि 23 अप्रैल की बैठक में कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया, तो मुंबई में राज्यव्यापी बैठक बुलाकर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा. ऐसे में यह बैठक सरकार और मराठा समाज दोनों के लिए निर्णायक मानी जा रही है.