शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एबीपी न्यज को दिए इंटरव्यू में ‘वंदे मातरम्’, ‘घुसपैठ’ और ‘SIR’ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बीते वर्षों में 'व्हाट्सएप हिस्ट्री' को मेनस्ट्रीम करने में सफलता हासिल की है, जिससे भ्रम फैलाया गया.

Continues below advertisement

दरअसल, इंटरव्यू में ‘वंदे मातरम्’ विवाद पर प्रियंका चतुर्वेदी ने विस्तार से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सच्चाई सामने आ चुकी है और सही घटनाक्रम, सही क्रोनोलॉजी अब जनता के सामने है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 2014 के बाद एक 'नया इतिहास' गढ़ने की कोशिश हुई, जिसमें व्हाट्सएप ग्रुप में यूनिवर्सिटी के 'पीएचडी होल्डर' इतिहास तय करने लगे. उनके मुताबिक, जो लोग इतिहास को वास्तव में पढ़ते और समझते हैं, वे वंदे मातरम् को सेलिब्रेट करते हैं, जबकि झूठे नैरेटिव फैलाने वाले इसे विवाद का विषय बनाते हैं.

Continues below advertisement

क्विट इंडिया मूवमेंट और स्वतंत्रता संग्राम पर भी होनी चाहिए चर्चा- प्रियंका चतुर्वेदी

प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्यसभा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने चेयरमैन से यह भी कहा था कि अगर वंदे मातरम् पर चर्चा हो सकती है, तो क्विट इंडिया मूवमेंट और स्वतंत्रता संग्राम पर भी व्यापक चर्चा होनी चाहिए. उनका आरोप था कि बीजेपी ने बीते वर्षों में 'व्हाट्सएप हिस्ट्री' को मेनस्ट्रीम करने में सफलता हासिल की है, जिससे भ्रम फैलाया गया.

दोहरे चरित्र की राजनीति को अब समझने लगी है जनता- प्रियंका

प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि कुछ लोग सत्र शुरू होने से पहले वंदे मातरम् को लेकर पाबंदी जैसी बातें उछालते हैं, लेकिन राज्यसभा में अपनी ओपनिंग स्पीच में खुद वंदे मातरम् को सेलिब्रेट करते हैं. उनके मुताबिक, यह दोहरे चरित्र की राजनीति है, जिसे जनता अब समझने लगी है. साथ ही वंदे मातरम् वेस्ट बंगाल से जोड़ने की कोशिश और एक व्यक्ति को दोषी ठहराने के सवाल पर भी उन्होंने आपत्ति जताई और कहा कि इतिहास को चुनिंदा तरीके से पेश किया जा रहा है.

घुसपैठ और SIR जैसे मुद्दों पर प्रियंका ने रखी अपनी बात

इसी बातचीत में ‘घुसपैठ’ और ‘SIR’ जैसे मुद्दों पर भी प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि अगर 11 साल की सरकार अपनी उपलब्धियों को लेकर आश्वस्त है, तो उसे बार-बार ऐसे मुद्दों को उछालने की जरूरत नहीं होनी चाहिए. इन तमाम बयानों के बीच सवाल यही उठता है कि क्या प्रियांका चतुर्वेदी BJP में शामिल होंगी. हालांकि इंटरव्यू में उन्होंने ऐसा कोई सीधा संकेत नहीं दिया, लेकिन उनके आक्रामक और बेबाक अंदाज ने सियासी अटकलों को जरूर हवा दे दी है. फिलहाल, यह सवाल बना हुआ है और राजनीति में जवाब वक्त ही देगा.

ये भी पढ़िए- अयोध्या: राम मंदिर आंदोलन के शहीदों की याद में बनेगा स्मारक, ट्रस्ट की बैठक में फैसला