(Source: Poll of Polls)
राज ठाकरे के साथ नहीं आना चाहते उद्धव गुट के नेता, बोले- 'हिंदी भाषी लोगों की मदद से ही...'
Uddhav-Raj Alliance News: शिवसेना (यूबीटी) नेता किशोर तिवारी ने एमएनएस के साथ गठबंधन का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि हिंदी भाषियों और मुस्लिमों का भरोसा टूटेगा, यह बीजेपी की साजिश है.

महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और किसान मिशन के पूर्व अध्यक्ष किशोर तिवारी ने राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ किसी भी तरह के गठबंधन का विरोध कर दिया है. उनका कहना है कि पार्टी को हाल ही में मिली जीत हिंदी भाषी और मुस्लिम समुदाय के समर्थन की वजह से हुई थी, और एमएनएस से हाथ मिलाने पर यही वोट बैंक नाराज हो सकता है.
राउत के बयान पर उठाए सवाल
दरअसल, तिवारी का यह बयान शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत के बयान के अगले ही दिन आया है. राउत ने नासिक में कहा था कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की पार्टियां आने वाले नगर निगम चुनावों में साथ लड़ेंगी.
उन्होंने दावा किया था कि ठाकरे बंधुओं की ताकत मराठी भाषियों की एकता है और इस बार कोई ताकत उन्हें हरा नहीं सकती. लेकिन तिवारी इससे सहमत नहीं दिखे. उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे को पत्र भी लिखा है.
“एमएनएस से गठबंधन नुकसानदायक”
तिवारी ने साफ कहा कि एमएनएस के साथ गठबंधन से शिवसेना (यूबीटी) को नुकसान होगा. उन्होंने तर्क दिया कि हाल के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी को हिंदी भाषी मतदाताओं और मुस्लिम समाज का बड़ा समर्थन मिला, और अगर एमएनएस से हाथ मिलाया गया तो यही वर्ग दूरी बना लेगा.
तिवारी का आरोप है कि राज ठाकरे की एमएनएस ने अतीत में गैर-मराठी और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अभियान चलाए हैं. कभी हिंदी भाषियों पर हमले हुए तो कभी मस्जिदों से अजान को लेकर विवाद खड़ा किया गया.
MNS का वोट बैंक नहीं- किशोर तिवारी
किशोर तिवारी ने यह भी कहा कि एमएनएस के पास अब कोई ठोस वोट बैंक नहीं बचा है. उनका कहना है कि इस गठबंधन की बात असल में बीजेपी की चाल है. बीजेपी चाहती है कि शिवसेना (यूबीटी) कमजोर हो और मुंबई सहित 11 शहरों के नगर निगमों में उन्हें हराया जा सके.
तिवारी ने उद्धव ठाकरे से अपील की कि वे बीजेपी के हाथों का खिलौना न बनें. उनकी राय है कि शिवसेना (यूबीटी) को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ संबंध मजबूत करने चाहिए, ताकि विपक्ष की एकजुट ताकत से बीजेपी को चुनौती दी जा सके.
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