Anand Dubey On Tahawwur Rana: 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को आखिरकार भारत लाया जा रहा है. तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मैं उसे सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटकते देखना चाहूंगा.

वहीं पार्टी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि यह कदम देर से उठाया गया है, इसे पहले ही उठाया जाना चाहिए था. अगर उसे पहले लाया जाता, तो पाकिस्तान की कई साजिशों का पर्दाफाश हो जाता. तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता ने कहा, ''देर से आया लेकिन दुरुस्त आया कदम है. ये बहुत ही पहले हो जाना चाहिए था. 11 साल से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार है. विश्वगुरु बनते हैं और पूरी दुनिया के सामने वो ताकतवर प्रधानमंत्री माने जाते हैं. इस तहव्वुर राणा को बहुत पहले लाते तो बहुत सारी चीजें जो पाकिस्तान की खुफिया या षड्यंत्रकारी काम है, उसको ये सरकार ढूंढती और समझती.'' 

'तहव्वुर राणा को फांसी पर लटका देना चाहिए'

उन्होंने आगे कहा, ''इसे पहले लाते तो देश और विदेश के लिए हमें एक कामयाबी मिलती. कोई बात नहीं उसको लाओ और उससे जो-जो चीजें खोजनी चाहिए, हमारे दुश्मन हमारे खिलाफ क्या साजिश रच रहे, वो सभी जानकारी लेकर और बाद में उसे फांसी पर लटकाकर मार देना चाहिए. ऐसे लोगों को ज्यादा बिरयानी खिलाकर क्या लाभ होने वाला है.'' 

उन्होंने दोहराया कि हमारे देश के दुश्मनों को तत्काल हमारे काम की जो भी खुफिया जानकारी हो, उसे लेने के बाद उसे मारकर खत्म कर देना चाहिए. यूबीटी नेता आगे कहा, ''जब भारत सरकार की बात होती है तो हम उसके अंदर ही रहने वाले नागरिक होते हैं. हम यही कहेंगे कि देर से आया लेकिन दुरुस्त आया हुआ कदम है.'' 

कुणाल कामरा विवाद पर क्या बोले आनंद दुबे?

कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर आनंद दुबे ने कहा, "हमारी राय कानून-व्यवस्था के पक्ष में है. अगर कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा है, तो पुलिस उस पर नज़र रखेगी. कानून-व्यवस्था क्यों बिगाड़ी जा रही है? आप कौन होते हैं कानून को अपने हाथ में लेने वाले. कुणाल कामरा और उनके जैसे कई अन्य हास्य अभिनेताओं को सुरक्षा प्रदान करना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जिम्मेदारी है, ताकि लोग लोकतांत्रिक तरीके से सरकार की आलोचना कर सकें.'' 

उन्होंने आगे कहा, ''सरकारों की आलोचना करना हर नागरिक का दायित्व और जिम्मेदारी है. ये सरकार डरी हुई है या सहमी हुई है. इसी के लिए कुणाल कामरा पर बंदिशें लगा रही है, ये तो सरकार जाने. लेकिन हम देश के हर उस हास्य कलाकार के साथ खड़े हैं जो मर्यादा में रहकर सरकार की आलोचना करते हैं.''