शिवसेना नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम ने मुंबई की रियल एस्टेट दुनिया को लेकर एक नया विवाद छेड़ दिया है. उन्होंने 'हाउसिंग जिहाद' नाम की एक कथित साजिश का आरोप लगाया.

संजय निरुपम ने दावा किया है कि कुछ मुस्लिम बिल्डर और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) प्रोजेक्ट्स में सुनियोजित तरीके से केवल मुस्लिमों को फ्लैट आवंटित किए जा रहे हैं, जिससे हिंदू बहुल इलाकों को मुस्लिम बहुल में बदला जा रहा है.

निरुपम ने यह आरोप विशेष रूप से ओशिवरा के श्री शंकर एसआरए प्रोजेक्ट और ओशिवरा पैराडाइज़ 1 व 2 (जोगेश्वरी वेस्ट) जैसे प्रोजेक्ट्स पर लगाए हैं. उन्होंने दावा किया, "इन परियोजनाओं में ओशिवरा पैराडाइज़ 1 व 2 (जोगेश्वरी वेस्ट) फ्लैट्स की संख्या 44 से बढ़ाकर 95 और श्री शंकर एसआरए प्रोजेक्ट में 67 घर से 123 कर दी गई, और अतिरिक्त यूनिट्स अधिकतर मुस्लिम आवेदकों को दी गईं. कई मामलों में एक ही व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक यूनिट्स जारी की गईं, जो एसआरए नियमों का उल्लंघन है."

'ये बिल्डिंग नहीं, एक डेमोग्राफिक प्लान'

संजय निरुपम का आरोप है कि यह सिर्फ एक बिल्डिंग नहीं, एक डेमोग्राफिक प्लान है. उन्होंने कहा कि यह साजिश सिर्फ रियल एस्टेट तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर चुनावी समीकरणों पर भी पड़ता है. उनका आरोप ये भी है कि पहले भ्रष्टाचार कर अतिरिक्त फ्लैट बनाना और अतिरिक्त फ्लैट में सिर्फ मुस्लिमों को फ्लैट दिया जा रहा है.

'प्लानिंग के तहत बसाए जा रहे मुस्लिम इलाके'

निरुपम का दावा है कि श्री शंकर सोसाइटी में 6 मुस्लिम परिवार थे लेकिन प्रोजेक्ट पूरा होने तक 60 से अधिक मुस्लिम परिवार सोसाइटी में होंगे. संजय निरुपम के बयान का आशय यह है कि मुस्लिम बिल्डर एसआरए प्रोजेक्ट्स में नियमों को ताक पर रखकर अपने समुदाय के लोगों को अधिकाधिक फ्लैट्स आवंटित कर रहे हैं, जिससे मुंबई के कुछ हिंदू बहुल इलाके योजनाबद्ध तरीके से मुस्लिम बहुल बनाए जा रहे हैं.

वहीं संजय निरुपम के आरोप पर बिल्डर अनीस चांदीवाला ने जवाब दिया और आरोप को बेबुनियाद और भ्रामक बताया है.  उन्होंने संजय निरुपम के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "ये बिलकुल गलत है. हम किसी ग्राहक का धर्म नहीं पूछते. हमारे लिए सिर्फ लीगल डॉक्यूमेंट्स और पेमेंट वैलिडेशन मायने रखता है."

कोई सांप्रदायिक भेदभाव नहीं किया- बिल्डर

उन्होंने यह भी कहा कि 'हाउसिंग जिहाद' जैसा कोई शब्द न पहले था, न अब है. चांदीवाला के अनुसार, फ्लैट्स की बिक्री पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है और कोई सांप्रदायिक भेदभाव नहीं किया गया.

संजय निरुपम पर किया मानहानि का केस

इस मामले पर चांदीवाला बिल्डर के वकील रितेश सिंह से एबीपी न्यूज ने बातचित की. रितेश सिंह ने बताया की संजय निरुपम ने गुमराह करने वाले और गलत आरोप पर उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में 100 करोड़ की मानहानि का केस किया है जिसपर जल्द सुनवाई होगी.

निरुपम में डिप्टी सीएम को लिखा पत्र

हालांकि संजय निरुपम ने पूरे मामले में 600 करोड़ के घोटाले और 220 फ्लैट्स की अवैध बिक्री का भी दावा किया है. उन्होंने उपमुख्यमंत्री और हाउसिंग मिनिस्टर एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है. हालांकि, अब तक इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि या सरकारी जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है.