Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में महायुति सरकार में शामिल शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी के बीच मतभेद दिख रहे हैं. अजित पवार की बैठक से शिंदे गुट के मंत्री ने किनारा कर लिया. शिवसेना के मंत्री भरत गोगावले मंगलवार (11 फरवरी) को रायगढ़ जिला योजना और विकास समिति (डीपीडीसी) की वार्षिक बैठक में अनुपस्थित रहे.

रायगढ़ के संरक्षक मंत्री के पद को लेकर महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ सहयोगी एनसीपी और शिवसेना के बीच तकरार दिख रहा है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक दो स्थानीय शिवसेना विधायकों ने बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने का विरोध भी किया. 

संरक्षक मंत्री पद को लेकर भरत गोगावले नाराज!

इससे पहले एनसीपी की महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे को संरक्षक मंत्री नियुक्त किया गया था, लेकिन इस पर अंतिम तौर से निर्णय नहीं लिया गया और इसे रोक दिया गया क्योंकि शिवसेना के गोगावले भी इस पद के इच्छुक थे. रायगढ़ दोनों नेताओं का गृह जिला है. ये बैठक डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार के दफ्तर से ऑनलाइन आयोजित की गई थी.

अदिति तटकरे और कुछ सरकारी अधिकारी बैठक में शामिल

इस बैठक में मंत्री अदिति तटकरे और कुछ सरकारी अधिकारी शामिल हुए थे लेकिन रोजगार गारंटी योजना मंत्री गोगावले इसमें शामिल नहीं हुए. स्थानीय शिवसेना विधायक महेंद्र दलवी और महेंद्र थोरवे भी मौजूद नहीं थे. दोनों नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमें कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं भेजा गया था.

शिवसेना विधायक महेंद्र दलवी का आरोप

शिवसेना विधायक महेंद्र दलवी ने कहा, ''अगर यह रायगढ़ के विकास को लेकर आधिकारिक बैठक थी तो जिला कलेक्टर को सभी विधायकों को आमंत्रित करना चाहिए था. हमें शामिल होने के लिए ऑनलाइन लिंक भी उपलब्ध नहीं कराया गया था.' अजित पवार के ऑफिस के एक अधिकारी ने कहा, ''चूंकि नासिक और रायगढ़ जिलों में वर्तमान में संरक्षक मंत्री नहीं हैं, इसलिए सिर्फ जिलों के मंत्रियों को आमंत्रित किया गया था.''

उन्होंने कहा, ''यह बजट-पूर्व बैठक थी और इसलिए वित्त मंत्री पवार के दफ्तर में आयोजित की गई. अदिति तटकरे और भरत गोगावले को रायगढ़ के प्रतिनिधि के रूप में आमंत्रित किया गया था लेकिन गोगावले इसमें शामिल नहीं हुए.''

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