Maharashtra: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि भले ही शिवसेना (Shiv Sena), तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और अन्य पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा मोर्चा गठित करने के लिए साथ आ जाएं, लेकिन इससे राजग (NDA) को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार (Central Govt) में लोग खुश हैं.


उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि बीजेपी (BJP) वर्ष 2024 के आम चुनाव और पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगी. तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (K. Chandrashekar Rao) ने राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने की कोशिश के तहत रविवार को महाराष्ट्र के अपने समकक्ष उद्धव ठाकरे से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की. दोनों नेताओं ने बदलाव को वक्त की जरूरत बताया. बाद में राव ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की.


तीसरा मोर्चा से नहीं होगा एनडीए को नुकसान


इस घटनाक्रम पर अठावले ने कहा, ''भले ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात कर तीसरा मोर्चा बनाने पर बात की, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) को इससे कोई खतरा नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं और लोग खुश हैं. भले ही शिवसेना और अन्य दल तीसरा मोर्चा गठित कर लें, तो भी हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. वर्ष 2024 में बीजेपी फिर से सत्ता में आएगी. पांच राज्यों में भी हम जीतेंगे, जहां वर्तमान में चुनाव जारी हैं.''


2024 में एनडीए को मिलेंगी 404 सीटें


अठावले ने कहा कि जिस तरह बीजेपी ने 2014 में 282 सीटें और 2019 में 303 सीटें जीती थीं, उसी तरह पार्टी को 2024 के चुनाव में 404 सीटें मिलेंगी. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना और विपक्षी बीजेपी के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप को लेकर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि दोनों दलों के बीच अब जुबानी जंग बंद हो जानी चाहिए.


उन्होंने कहा, ''मैं उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से शिवसेना (Shiv Sena) और बीजेपी(BJP) के बीच चल रही जुबानी जंग के बारे में बात करूंगा. हम दोस्त रहे हैं और हाल में हमारे रास्ते अलग हुए. हालांकि, हमें राज्य पर शासन करने के लिए फिर से एक साथ आना चाहिए और समान अवधि के लिए मुख्यमंत्री का पद साझा करना चाहिए. अगर शिवसेना बीजेपी के साथ सत्ता साझा करती है, तो सरकार को और अधिक कोष मिल सकता है और राज्य में बेहतर तरीके से विकास हो सकता है.''


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