Sharad Pawar on Rahul Narwekar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने कहा कि एनसीपी के मामले में निर्वाचन आयोग और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा दिए गए फैसले ‘‘अनुचित’’ हैं और उनका गुट पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न वापस पाने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करेगा. शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह को अब आधिकारिक तौर पर एनसीपी (शरदचंद्र पवार) नाम दिया गया है. शरद पवार गुट को उस समय झटका लगा जब नार्वेकर ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट ही असली एनसीपी है. उन्होंने दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को भी खारिज कर दिया.
अजित गुट को एनसीपी और सिंबलयह फैसला निर्वाचन आयोग द्वारा अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली एनसीपी मानने और उन्हें पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित करने के कुछ दिनों बाद आया है. शरद पवार ने पुणे जिले में अपने गृहनगर बारामती में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें ऐसे फैसले की आशंका थी. विधानसभा अध्यक्ष अपने पद की गरिमा बनाए रखने में विफल रहे. निर्वाचन आयोग और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लिए गए फैसले अनुचित हैं. इसलिए, हम एनसीपी के नाम और चिह्न के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय जा रहे हैं.’’
क्या बोले शरद पवार?उन्होंने कहा, ‘‘जिन्होंने पार्टी बनाई थी, उन्हें पार्टी से हटा दिया गया. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यह फैसला न्यायिक व्यवस्था के मुताबिक सही नहीं था. हमने इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. पूरा देश जानता है कि पार्टी की स्थापना किसने की थी.’’ जब उनसे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अशोक चव्हाण के भाजपा में शामिल होने के बारे में पूछा गया तो शरद पवार ने कहा, ‘‘इन दिनों एसीबी और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जैसी कई एजेंसियों का प्रभाव बढ़ गया है और यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि उनका इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ कैसे किया जा रहा है.’’ मराठा आरक्षण के मुद्दे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को मराठा आरक्षण और जरांगे के मुद्दे पर उचित रुख अपनाना चाहिए.’’
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