राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने बुधवार (19 नवंबर) को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के मंत्रियों के बीच कथित खींचतान यह दर्शाती है कि बीजेपी को अब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जरूरत नहीं है. शिवसेना के मंत्रियों के कथित तौर पर मंत्रिमंडल की बैठक से नदारद रहने के बाद शिंदे द्वारा अकेले बैठक में शामिल होने संबंधी खबरों का हवाला देते हुए NCP (SP) के प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने कहा कि घटनाक्रम से पता चलता है कि ‘फडणवीस को शिंदे के प्रति कोई सम्मान नहीं है’ और मंत्रियों को भी उपमुख्यमंत्री के प्रति ‘कोई खास सम्मान नहीं’ है.

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क्रास्टो ने 'एक्स' पर एक बयान में कहा, ‘‘अगर एकनाथ शिंदे में थोड़ा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें बीजेपी के साथ गठबंधन छोड़ देना चाहिए. अगर वह सही समय पर बाहर नहीं निकले, तो उन्हें जल्द ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा.’’

शिवसेना के मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक से बनाई थी दूरी

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के घटक दलों में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं.शिंदे को छोड़कर शिवसेना के मंत्रियों ने मंगलवार को साप्ताहिक मंत्रिमंडल की बैठक में कथित तौर पर भाग नहीं लिया था. 

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शिवसेना के कई नेता और कार्यकर्ता BJP में शामिल!

ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी ने राज्य के कई हिस्सों में शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कर लिया है. इससे स्थानीय निकाय चुनाव से पहले ‘महायुति’ गठबंधन में बेचैनी बढ़ गई है. बाद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के मंत्रियों के बीच बैठक हुई. मीडिया से बातचीत करते हुए डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि बैठक में यह तय किया गया है कि ‘महायुति’ के सहयोगी दल एक-दूसरे के नेताओं को पार्टी में शामिल करने से बचेंगे.