Sharad Pawar Statement: संविधान ने भारत के हर नागरिक को अपनी पसंद का धर्म चुनने की आजादी दी है. लेकिन फिलहाल देश में अलग ही माहौल चल रहा है. इसी पृष्ठभूमि में एनसीपी नेता शरद पवार ने धर्मांतरण की घटनाओं पर टिप्पणी की है. वे देश के वर्तमान हालात में सामाजिक और धार्मिक समरसता कायम करने के लिए संभाजीनगर में आयोजित समरसता सभा में बोल रहे थे. शरद पवार ने कहा, देश में मुस्लिम और ईसाई समुदायों की चिंताजनक तस्वीर है. देश के कई राज्यों में ईसाई समुदाय के पूजा स्थलों पर हमले हो रहे हैं. ईसाई समाज बहुत शांतिपूर्ण है.

अगर कोई खुद से धर्म बदलना चाहता है तो....पवार ने आगे कहा, हालांकि, अगर कोई व्यक्ति कहीं अपना निजी धर्म बदलने का फैसला करता है, तो पूरे समाज और पूजा स्थलों पर हमला किया जाता है. मुस्लिम समाज में गरीबी, पिछड़ापन, अभाव निश्चित है. अगर हम समाज को एक करना चाहते हैं, अगर हम विकास के रास्ते पर न्याय चाहते हैं, तो समाज कभी एक तत्व को पीछे छोड़कर आगे नहीं बढ़ पाएगा. हालांकि मुस्लिम समुदाय के बारे में आम जनता की राय अनुकूल है, लेकिन कुछ लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इससे जानबूझकर कड़वाहट कैसे पैदा होगी. यह देश में एक बड़ी चुनौती है.

शरद पवार ने लोगों से की ये अपीलएनसीपी अध्यक्ष ने कहा, अतः हमारा दायित्व है कि देश का प्रत्येक तत्व भारतीय है, इन भारतीयों के लिए हमें मतभेद और द्वेष से दूर रहना चाहिए. यदि कल भी स्थिति उत्पन्न होती है तो हमें एक साथ खड़े होकर ऐसी घृणा फैलाने वाली प्रवृत्तियों के खिलाफ खड़े होना चाहिए. सत्ता में कोई भी आए, देश और समाज को एक रखने के लिए जो उपयोगी हो, उसके पीछे खड़े होने के इस सूत्र के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है.

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