Maharashtra News: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ आने की अटकलों के बीच अब शरद पवार-अजित पवार के भी एकसाथ होने की चर्चा जोर पकड़ रही है. शिवसेना-यूबीटी और मनसे के एकसाथ आने के बारे में ठाकरे भाइयों के बयान के बाद अब एनसीपी-एसपी के विधायक और शरद पवार के पोते रोहित पवार ने स्टैंड लिया है कि मराठी के मुद्दे पर दोनों राष्ट्रवादी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए.

गौर करने वाली बात ये है पिछले 10 से 15 दिनों से दोनों पवार विभिन्न कार्यक्रमों के लिए एक साथ आ रहे हैं. शरद पवार और अजित पवार ने सोमवार को पुणे में एक बैठक के लिए भी एकसाथ आए. पुणे के शुगर कॉम्प्लेक्स में एआई से संबंधित बैठक के बाद, वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट के कामकाज के संबंध में बैठक हो रही है. इस बैठक में शरद पवार, अजित पवार और वीएसआई के पदाधिकारी मौजूद हैं.

जब अजित पवार से दोनों के बीच जारी एकता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ता होशियार हैं. इस तरह एक बार फिर अप्रत्यक्ष रूप से दोनों पवारों के एक साथ आने की खबर की ओर इशारा किया. पवार परिवार में वास्तव में क्या चल रहा है?

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे में भावनात्मक बातचीत जारी- संजय राउत

बता दें कि इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी और एमएनएस के बीच गठबंधन की कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि दोनों के बीच 'भावनात्मक बातचीत' जारी है. राउत ने पत्रकारों से कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मनसे के अध्यक्ष और अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ सुलह के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं रखी है.

राउत ने कहा, “गठबंधन की कोई घोषणा नहीं हुई है. फिलहाल भावनात्मक बातचीत जारी है.” राज्यसभा सदस्य ने कहा, “वे (राज और उद्धव) पारिवारिक कार्यक्रमों में मिलते हैं. वे भाई हैं.” दरअसल, राज ठाकरे ने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर को दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्हें अविभाजित शिवसेना में उद्धव के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं थी. इस बयान के बाद दोनों के बीच सुलह की अटकलें शुरू हुईं.

मनसे नेता ने कही थी ये बात

राज ठाकरे ने कहा कि सवाल यह है कि क्या उद्धव उनके साथ काम करना चाहते हैं. हालांकि, मनसे की मुंबई इकाई के अध्यक्ष एवं पार्टी के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने कहा कि लोग राज ठाकरे की टिप्पणी को जरूरत से ज्यादा तूल दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनावी गठबंधन अभी दूर की बात है और शिवसेना (यूबीटी) को मराठी भाषा तथा लोगों के लिए मनसे के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए.