Sharad Pawar Resign: एनसीपी नेता शरद पवार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने मंगलवार को 'लोक माजे सांगाती' पुस्तक के विमोचन के दौरान इस संबंध में घोषणा की. इस बीच शरद पवार के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में एनसीपी में अंदरूनी कलह की चर्चा होने लगी है. वहीं, शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट ने आरोप लगाया है कि एनसीपी में इस स्थिति के लिए संजय राउत जिम्मेदार हैं. मुंबई में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इस संबंध में प्रतिक्रिया दी.


संजय राउत की आलोचना
संजय शिरसाट ने आलोचना करते हुए कहा, शिवसेना को तोड़ने के पीछे सबसे बड़ा हाथ संजय राउत का था. एनसीपी की आज जो स्थिति है, उसके लिए संजय राउत भी जिम्मेदार हैं. संजय राउत ने अजित पवार और उनके परिवार के बीच कलह पैदा करने की कोशिश की है. आगे उन्होंने कहा, "संजय राउत सभी पार्टियों के प्रवक्ता हैं, महाविकास अघाड़ी में यही सामंजस्य है. इसलिए लगता नहीं है कि महाविकास अघाड़ी की गड़गड़ाहट ज्यादा दिनों तक चलेगी. उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि संजय राउत इस महा विकास अघाड़ी को टिकने नहीं देंगे.


शरद पवार का बयान
इस बीच, शरद पवार ने अपनी पुस्तक के संशोधित संस्करण के लॉन्च कार्यक्रम में बोलते हुए अचानक पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा, "1999 में, मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया, पार्टी का गठन किया गया. तब से वे पिछले 24 वर्षों से अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. सार्वजनिक जीवन में यह सफर 1 मई 1960 से शुरू हुआ और 63 साल तक जारी रहा.


आगे उन्होंने कहा, उस 56 वर्षों में मैं किसी न किसी सदन के सदस्य या मंत्री के रूप में लगातार काम करता रहा हूं. अब राज्यसभा की सदस्यता के 3 साल बचे हैं. इस अवधि के दौरान राज्य और देश के मामलों पर आधिकारिक ध्यान देने का मेरा प्रयास, 1 मई 1960 से 1 मई 2023 तक की लंबी अवधि के बाद कहीं रुकने पर विचार करना आवश्यक है, इसलिए बिना किसी हलचल के मैं राष्ट्रीय के रूप में रिटायर होने का फैसला करता हूं.


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