उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रविवार (21 सितंबर) को राष्ट्र के नाम संबोधन की टाइमिंग को लेकर हैरानी जताई. उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता भारत बनाम पाकिस्तान मैच देखना चाहते थे, इसलिए पीएम मोदी ने शाम 5 बजे अपना संबोधन निर्धारित किया. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लोगों को गुमराह करने का मानक समय रात 8 बजे है तो इस बार शाम पांच बजे क्यों?
मुंबई में सोमवार (22 सितंबर) को मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन का 'सामान्य समय' रात 8 बजे है, लोगों को गुमराह करने का यही मानक समय है. लेकिन पीएम ने शाम 5 बजे राष्ट्र को संबोधित किया, जिससे सभी हैरान रह गए. लोग कह रहे हैं कि कल भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच था, और बीजेपी कार्यकर्ता बिना किसी रुकावट के इसे देखना चाहते थे.''
यह कैसी देशभक्ति का प्रदर्शन है- संजय राउत
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में आगे कहा, ''बीजेपी ने स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री को सूचित किया कि इसे शाम 5 बजे के लिए निर्धारित किया जाए. BJP कार्यकर्ता भारत-पाकिस्तान मैच देखना चाहते थे, इसलिए समय बदल दिया गया. यह कैसी देशभक्ति का प्रदर्शन है."
पीएम मोदी ने की स्वेदेशी प्रोडक्ट अपनाने की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागरिकों से स्वदेशी अपनाने और भारत में निर्मित उत्पादों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "हमें हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना होगा. हर दुकान स्वदेशी उत्पादों से सजी होनी चाहिए." जीएसटी सुधारों को 'बचत उत्सव' बताते हुए, मोदी ने लोगों से भारत में बने उत्पाद खरीदने की अपील की और कहा कि इनमें देश के युवाओं की कड़ी मेहनत और पसीना लगा है.
'नागरिक देवो भव' के मंत्र पर चलते हुए आगे बढ़ रहे- PM
पीएम मोदी ने कहा, "हमें ऐसे उत्पाद खरीदने चाहिए जो भारत में बने हों, जिनमें हमारे देश के युवाओं की कड़ी मेहनत लगी हो. हमारे देश के बेटे-बेटियों का पसीना लगा हो." जीएसटी सुधार केंद्र सरकार के 'नागरिक देवो भव' मंत्र को दर्शाते हैं और इससे जनता को अच्छी-खासी बचत होगी. उन्होंने कहा, "हम 'नागरिक देवो भव' के मंत्र पर चलते हुए आगे बढ़ रहे हैं और इसका प्रतिबिंब हम अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों में देख सकते हैं.
GST दरों में कमी से छोटे व्यवसायों को सीधा फायदा- PM
अगर आयकर छूट और जीएसटी छूट को मिला दें, तो एक साल में लिए गए फैसलों से देश के लोगों को 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी और इसीलिए मैं कहता हूं, 'यह बचत उत्सव है. जीएसटी दरों में कमी से छोटे व्यवसायों और एमएसएमई को सीधा लाभ होगा. विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए, हमें आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना होगा.''