विदेशों में जाने वाले डेलिगेशन पर संजय राउत बोले- 'जिन देशों के नाम नहीं सुने, वहां भी...'
Sanjay Raut News: संजय राउत ने विशेष सत्र की मांग पर विपक्ष में मतभेद से इनकार किया. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले पर चर्चा जरूरी है, और 16 दलों का पत्र पीएम मोदी को जाएगा.

Sanjay Raut on All Party Delegation: उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष सत्र रखने की मांग की थी. उन्होंने विपक्ष की ओर से एक निवेदन पत्र केंद्र सरकार को भेजा था, जिसमें शरद पवार और आम आदमी पार्टी के सिग्नेचर नहीं हैं. ऐसे में सवाल उठा कि क्या इस मुद्दे पर विपक्ष एकमत नहीं है? क्या इंडिया गठबंधन में कोई मतभेद है? इसपर अब संजय राउत का जवाब आया है.
संजय राउत ने कहा, "इंडिया गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है. इस मुद्दे पर मतभेद होने की गुंजाइश ही नहीं है. हम भारत के डिफेंस या सेना पर चर्चा नहीं करना चाहते. हम पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा करना चाहते हैं. भारत के 'सीक्रेट' एक्शन पर चर्चा करने को नहीं कह रहे. इस देश में निरपराध लोगों पर अटैक होता है, उसपर अगर हम स्पेशल सेशन की मांग करते हैं तो क्या गलत है?"
संजय राउत ने दावा किया कि विपक्ष के 16 दलों की ओर से एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जाएगा.
#WATCH मुंबई (महाराष्ट्र): शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, "विशेष सत्र बुलाने के बारे में कोई मतभेद नहीं है। हम पहलगाम में जो हुआ है उस चर्चा करना चाहते हैं। उस घटना में निर्दोष लोगों पर हमला होता है और 26 महिलाओं का सिंदूर उजाड़ दिया जाता था है उस पर हम अगर विशेष सत्र… pic.twitter.com/yFZd9two3U
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 4, 2025
संजय राउत ने दिया रूस और यूक्रेन का उदाहरण
संजय राउत ने यह सवाल भी उठाया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस पर हमला करने के बाद अपने देश की जनता को जानकारी दी. रूस भी अपनी जनता को वॉर की सारी बातें बताता है, लेकिन एक देश है जो खुद को सबसे बड़ी डेमोक्रेसी बताता है, वो देश अपनी जनता से बातें छिपाता है.
ऑल पार्टी डेलिगेशन पर बोले संजय राउत
वहीं, भारत सरकार की ओर से विदेशों में भेजे गए प्रतिनिधिमण्डल पर संजय राउत ने सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, "ये डेलिगेशन छोटे-छोटे देशों में गए हैं. ऐसे देशों में, जिनके नाम भी नहीं सुने. इनमें से कई देशों की तो खुद की आर्मी भी नहीं है, तो वहां क्यों गए? अगर आपको जाना था तो चीन जाते, नेपाल क्यों गए?"
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