महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन पर सियासत तेज हो गई है. शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मनोज जरांगे पाटील लंबे समय से मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं और हम उनके संघर्ष का सम्मान करते हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि किसी दूसरे समाज का हक मारकर अपना हक मांगना लॉजिकल नहीं लगता है.

संजय निरुपम ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मनोज जरांगे पाटील मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए लंबे समय से संघर्षरत हैं. उनके संघर्ष का हम सम्मान करते हैं. हमारे महाराष्ट्र के जो मराठा नौजवान हैं, उनको नौकरियों में ज्यादा से ज्यादा मौका मिले, इसके लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं और सरकार भी वचनबद्ध है क्योंकि उस समाज में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है.'' 

जरांगे की जिद्द को ओबीसी समाज स्वीकार नहीं करेगा- निरूपम

उन्होंने आगे कहा, ''हमारी सरकार ने लगभग 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन अब उनकी ऐसी जिद्द है कि आप ओबीसी के तहत ही मराठा समाज को आरक्षण दीजिए. इसका मतलब ओबीसी के हिस्से में मराठा समाज को आरक्षण देना है तो इसे ओबीसी समाज स्वीकार नहीं करेगा, तो किसी भी समाज का हक छीनकर अपना हक मांगना, मुझे लगता है कि ये बहुत लॉजिकल नहीं है.

'सभी राजनीतिक दलों को साथ मिलकर राय बनानी चाहिए'

शिवसेना प्रवक्ता ने ये भी कहा, ''मराठा समाज को जो आरक्षण मिला है वो मिलना चाहिए. इसके अतिरिक्त कोई और रास्ता ढूंढ़ा जा सकता है तो ढूंढ़ना चाहिए लेकिन किसी और समाज का हिस्सा मांगकर उसमें से आरक्षण लेना, मुझे लगता है कि यही सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. फिर भी इस बारे में महाराष्ट्र की सभी राजनीतिक पार्टियां एक साथ मिलकर राय बनाते हैं तो उस बारे में कोई फैसला किया जा सकता है.''

MVA में शामिल पार्टियां चुप्पी साधकर बैठी है- निरुपम

संजय निरुपम ने MVA पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, ''महाविकास अघाड़ी में शामिल जो पार्टियां हैं, वो इस पूरे प्रकरण में चुप्पी साधकर बैठी हैं. वो एक बार भी नहीं बोल रहे हैं कि जरांगे पाटील जी की जो मांग है, उसे कैसे पूरा करना चाहिए. वो सिर्फ सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं तो ऐसे में काम नहीं चलेगा. जरांगे पाटील का आंदोलन बिना वजह खराब हो जाएगा. मनोज जरांगे को भी तमाम राजनीतिक पार्टियों से अपील करनी चाहिए न कि सिर्फ सरकार और सरकार में बैठे लोगों से अपनी बात कहनी चाहिए.''