Hindi Marathi Row: महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी घमासान के बीच अखिलेश यादव की समजावादी पार्टी (सपा) ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को बड़ी राहत दी है. मानखुर्द शिवाजी नगर से सपा विधायक अबू आजमी ने कहा कि सरकार ने आदेश जारी कर दिया है कि तीन भाषा लाजमी है. हिंदी को 100 फीसदी राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए.

आजमी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, ''महाराष्ट्र में  मराठी, इंग्लिश और हिंदी को पढ़ाया जाएगा. हमारे लोग गुलाम हैं. अंग्रेजी की तरफ भाग रहे हैं. तीसरी भाषा कौन सी होगी? क्या यहां गुजराती लागू करेंगे? तीसरी भाषा हिंदी है. संसदीय कमेटी भी हिंदी को प्रमोट कर रही है, पूरे देश में जाती है. केंद्र सरकार के काम हिंदी में हो रहे हैं. कुछ लोग जनता को बेवकूफ बनाने के लिए राजनीति कर रहे हैं.''

अबू आजमी ने कहा, ''मराठी पढ़ने से कौन रोक रहा है, यहां मराठी तो है ही. हिंदी को 100 फीसदी राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए. एक भाषा होनी चाहिए कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक बोली जाए. मैं असम चला जाऊं और असमिया आती नहीं है तो क्या मैं असमिया सीखूं.  एक भाषा होनी चाहिए, जो पूरे देश में बोल सकें.''

सरकार का क्या है आदेश?

बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने 17 जून को एक संशोधित आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि मराठी और अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को हिंदी सामान्यतः’ तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी.

साथ ही सरकार ने कहा कि हिंदी अनिवार्य नहीं होगी. सरकार ने हिंदी के अलावा किसी अन्य भाषा का अध्ययन करने के लिए स्कूल में प्रत्येक कक्षा में कम से कम 20 छात्रों की सहमति अनिवार्य कर दी. 

विपक्ष का विरोध

वहीं इसको लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार अप्रत्यक्ष रूप से हिंदी थोप रही है. उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, शरद पवार, कांग्रेस और अन्य मराठी संगठनों ने सरकार के फैसले का विरोध किया है.

विवाद पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि त्रिभाषा सूत्र को लेकर अंतिम निर्णय सभी संबंधित पक्षों से चर्चा के बाद ही लिया जाएगा.