Maharashtra: शिंदे सरकार की 4 योजनाएं बंद होने पर रोहित पवार का तंज, कहा- 'महायुति सरकार में...'
Maharashtra News: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री अजित पवार ने शिंदे के मंत्रियों का इस बार कम बजट दिया है. बजट में बीजेपी के मंत्रियों के विभाग के लिए ज्यादा धनराशि दिया गया है.

Maharashtra Latest News: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस सरकार यानी महायुति की प्रदेश में सरकार बनी. सत्ता में आने से पहले महायुति की सरकार ने जनता से कई वादे किए थे. इनमें कुछ योजनाएं ऐसी थीं जिसकी मदद से बीजेपी नेतृत्व में महायुति फिर सत्ता में आई, लेकिन अब कई ऐसी योजनाएं है, जिसे दवेंद्र फडणवीस ये कहकर बंद कर दी है या आने वाले दिनों बंद करने वाली है.
इसके बारे में कहा जा रहा है कि राज्य सरकार के खजाने में पैसों की कमी है. ऐसे में लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर कौन-कौन सी योजना है जिसे सरकार ने बंद करने का फैसला लिया है. किन योजनाओं पर काले बादल मंडरा रहे हैं.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री अजित पवार ने शिंदे के मंत्रियों को इस बार कम बजट दिया है. बजट में बीजेपी के मंत्रियों के विभाग के लिए ज्यादा धनराशि दिया गया है. उसके बाद अजित पवार गुट के मंत्रियों को बजट ज्यादा मिला है. बजट आवंटन के मामले में शिंदे गुट तीसरे स्थान पर है.
विभागीय आवंटन में बढ़ेगा असंतुलन
बता दें कि महायुति सरकार में शिंदे गुट के पास 57 विधायक हैं. जबकि अजित पवार गुट के पास 41 विधायक हैं. ऐसे संकेत हैं कि आने वाले दिनों में विभागीय निधि आवंटन में असंतुलन बढ़ेगा. फिलहाल, बीजेपी के हिस्से में 89 हजार 128 करोड़, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के हिस्से में 56 हजार 563 करोड़ और शिवसेना शिंदे के खाते में 41 हजार 606 करोड़ आए हैं.
वित्ती मंत्री ने शिंदे की योजनाओं पर चलाई कैंची- रोहित पवार
एनसीपी शरद पवार गुट से विधायक रोहित पवार ने महाराष्ट्र सरकार के बजट पर कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले महायुति सरकार ने कई लोकलुभावन घोषणाएं की थी, जिसका फायदा उसे चुनाव में मिला था. इनमें पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री कार्यकाल में कई योजनाओं का ऐलान किया था. दूसरी तरफ प्रदेश के वित्ता मंत्री अजित पवार ने जो बजेट पेश किया है, उस बजट शिंदे की योजाओं पर कैंची लगा दी गई हैं.
रोहित पवार न कहा कि लाडली बहन योजन के तहत 2100 रुपये देने की घोषणा हुई थी, लेकिन अभी तक प्रदेश की महिलाओं को इस योजना के तहत केवल 1500 रुपये मिल रहे हैं. इसी तरह बालासाहेब दवाखाना, आनंद का शिधा और तीर्थ योजना के तहत कई योजनाऔं के लिए इस बार बजट में फंड नहीं दिया गया है. रोहित पवार के मुताबिक साफ है कि महायुति सरकार में अब शिंदे की अहमियत खत्म करने की कोशिश हो रही है.
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