मीट बैन को लेकर महाराष्ट्र के कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के आदेश पर महाराष्ट्र में बवाल जारी है. आदेश के मुताबिक, 15 अगस्त को चिकन और मटन की दुकानें बंद रहेंगी. विपक्ष के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार में उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इसे गैर जरूरी बताया है. इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुरुवार (14 अगस्त) को तीखी प्रतिक्रिया दी.
राज ठाकरे ने कहा, ''वेज-नॉनवेज को लेकर विवाद गलत है. सरकार होती कौन है हमें बताने के लिए कि, हमें क्या खाना चाहिए और किया नहीं.''
केडीएमसी ने 1988 के आदेश का जिक्र कहते हुए कहा है कि कि मटन और चिकन की बिक्री पर प्रतिबंध है, न कि इसके सेवन पर. वहीं हिंदू खटीक समाज और चिकन एवं मटन व्यापारी संघ ने इसको लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है.
कबूतरखाने के विवाद पर क्या बोले राज ठाकरे?
राज ठाकरे ने कबूतर के लिए दाना डालने पर लगे प्रतिबंध और इसके खिलाफ जैन समुदाय के प्रदर्शन पर कहा कि उन्हें हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए. मुझे सरकार क्या चाहती है, ये समझ नहीं आ रहा. अब ये कबूतर के नाम पर राजनीति करने लगे हैं. आगे कौन-कौन से प्राणी लाएंगे पता नहीं.''
जैन मुनि ने राज ठाकरे से की थी अपील
दरअसल, बुधवार (13 अगस्त) को जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने कहा था कि इस मुद्दे का समाधान केवल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) केअध्यक्ष राज ठाकरे ही कर सकते हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘बालासाहेब ठाकरे के आदर्श राज ठाकरे में प्रतिबिंबित होते हैं. मैं उनसे मिलना चाहता हूं. केवल वही इस विवाद को समाप्त कर सकते हैं. मैं आपसे (ठाकरे से) इस मुद्दे को सुलझाने का अनुरोध करता हूं.’’
बता दें कि पिछले दिनों बीएमसी ने दादर स्थित कबूतरखाने को ढक दिया था और दाना डालने पर प्रतिबंध लगा दिया था. यहां दाना डालने पर कईयों से जुर्माना वसूला गया है. इस फैसले के खिलाफ जैन समुदाय के लोग बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे हैं. बीएमसी ने बुधवार को कहा था कि कुछ शर्तों के साथ दाना डालने पर प्रतिबंध हटा सकते हैं.