महाराष्ट्र के पुणे में सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट के बाद दो गुटों के बीच झड़प हो गई. ये झड़प इतनी बढ़ गई कि इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ गया है. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और पुलिस लगातार इलाके में गश्त कर रही है.
घटना को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, "सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण माहौल को गंभीरता से लेते हुए, मैंने खुद यवत गांव का दौरा किया. इस दौरान मैंने स्थानीय नागरिकों और पुलिस प्रशासन से पूरी घटना की समीक्षा की."
5 प्वांइट में समझे पुणे सांप्रदायिक झड़प की पूरी कहानी
कैसे भड़की हिंसा?
दरअसल, ये पूरा विवाद व्हाट्सएप पर एक आपत्तिजनक पोस्ट से शुरू हुआ. एक युवक ने कथित तौर पर एक व्हाट्सएप ग्रुप पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किया. इसके बाद गांव के लोग धीरे-धीरे सड़कों पर आ गए और दूसरे पक्ष के लोग भी आ गए. इस पर भीड़ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले युवक के घर पर पथराव कर दिया. विवाद बढ़ने के बाद इसने एक हिंसक झड़प का रूप ले लिया.
क इलाके में लगाया गया कर्फ्यू
बढ़ती हिंसा को देखते हुए पुणे जिले के दौंड तालुका स्थित यवत गांव में कर्फ्यू लगाया गया. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस के जवान इलाके में लगातार गश्त कर रहे हैं.
हालात फिलहाल काबू में- सीएम देवेंद्र फडणवीस
पुणे की घटना को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने के बाद ये हिंसा भड़की. किसी बाहरी शख्स ने पोस्ट को वायरल किया, जिससे हालात बिगड़ गए और लोग सड़कों पर उतर गए. हालांकि अब हालात काबू में हैं और दोनों ही पक्षों से बैठकर बात की जा रही है.
डिप्टी सीएम अजित पवार ने क्या कहा?
पुणे की घटना को लेकर डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण माहौल को गंभीरता से लेते हुए, मैंने स्वयं यवत गांव का दौरा किया. इस दौरान मैंने स्थानीय नागरिकों और पुलिस प्रशासन से पूरी घटना की समीक्षा की.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने प्रशासन को इस मामले में दोषियों के खिलाफ उचित और सख्त कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस व्यवस्था पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है.
पुलिस ने क्या बताया?
पुलिस का कहना है कि एक हफ्ते पहले गांव में एक घटना घटी थी, इसलिए यहां पहले से ही स्थिति तनावपूर्ण थी. ग्रामीण सड़कों पर उतर आए और कुछ युवकों ने एक ढांचे में तोड़फोड़ करने की कोशिश की.