Pune News: दृढ़ निश्चय, मेहनत और खुद पर भरोसा हो तो उम्र, बीमारी या मुश्किलें कोई मायने नहीं रखतीं. इसी कहावत को सच साबित किया है लोनी कालभोर (हवेली) के 54 साल के राजेंद्र परशुराम गायकवाड़ ने. कभी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे राजेंद्र आज अंतरराष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में मेडल जीतकर हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं.
दवाइयों पर निर्भर जीवन
साल 2017 में राजेंद्र गायकवाड़ का वजन करीब 97 किलो था. उन्हें लगातार सिर दर्द, हाई बीपी, शुगर और पेनकिलर्स पर निर्भर रहना जैसी समस्याओं ने घेर रखा था. डॉक्टरों की सलाह, दवाइयों और परेशानियों से घिरे इस दौर में जिंदगी मानो बोझ बन चुकी थी. इसी दौरान उनके जीवन में एक मोड़ आया जब दोस्तों ने उन्हें ट्रेकिंग के लिए तैयार किया. सचिन तात्या तुपे ने उन्हें पहली बार ट्रेकिंग कराई और यही कदम उनकी जिंदगी बदलने लगा.
एक चुनौती ने बदल दी जिंदगी
ट्रेकिंग के बाद राजेंद्र ने 2018 में जिम जॉइन किया और फिटनेस को गंभीरता से अपनाना शुरू किया. इसी समय एक दोस्त ने मज़ाक में कहा, "सिक्स पैक बना लिया तो दो लाख रुपये दूंगा."
पहले तो बात हंसी में उड़ा दी गई, लेकिन फिर यह शर्त राजेंद्र के लिए प्रेरणा बन गई. उन्होंने खुद को साबित करने की ठान ली.जिम ट्रेनर ओंकार जाधव के मार्गदर्शन में उन्होंने साढ़े तीन महीने तक कड़ा वर्कआउट,सख्त डाइट और नियमित दिनचर्या को अपनाया. इस दौरान सचिन तुपे ने भी उन पर पूरा भरोसा जताया और उनका हौसला बढ़ाया.
ICN गोवा में जीता मेडल
राजेंद्र गायकवाड़ ने इस साल ICN नेचुरल गोवा इंटरनेशनल प्रतियोगिता में दो श्रेणियों में हिस्सा लिया. इनमें एक कैटेगरी में रजत पदक (सिल्वर मेडल),दूसरी में थर्ड पोज़िशन हासिल की. इससे पहले भी वह तीन बार इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके थे, लेकिन मेडल नहीं जीत पाए थे. इस बार उन्होंने 50+ मास्टर्स कैटेगरी में शानदार प्रदर्शन कर अपना सपना पूरा किया.
54 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत हासिल करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. यह एक फेमस नेचुरल बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता है जिसे I Compete Natural (ICN) से आयोजित किया जाता है.
ICN नेचुरल गोवा इंटरनेशनल प्रतियोगिता?
इसकी खासियत है कि पूरी तरह नेचुरल प्रतियोगिता स्टेरॉयड या किसी भी परफॉर्मेंस-बूस्टर दवा का इस्तेमाल सख्त रूप से प्रतिबंधित है. WADA आधारित ड्रग टेस्टिंग सभी प्रतियोगियों की जांच वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी मानकों के अनुसार होती है. अगर कोई खिलाड़ी किसी भी तरह की दवा का उपयोग करता पाया जाता है, तो उसे तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया जाता है.
कई कैटेगरी इस प्रतियोगिता में शामिल हैं- मेन्स फिजिक, क्लासिक फिजिक, बॉडी बिल्डिंग, स्पोर्ट्स मॉडल, फिटनेस मॉडल और 40+, 50+ मास्टर्स कैटेगरी. अंतरराष्ट्रीय पहचान का मौका भारतीय एथलीटों को वैश्विक मंच तक पहुंचने का अवसर देती है. कई भारतीय खिलाड़ी यहां से जीतकर आगे की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तक पहुंचते हैं.