हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान एक महिला के चेहरे से हिजाब हटाने का मामला सामने आया था. इस घटना ने देशभर में राजनीतिक और सामाजिक बहस को तेज कर दी. इस प्रकरण में अब उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का बयान भी जुड़ गया है, जिस पर शिवसेना (UBT) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तीखा हमला बोला है.
यह महिला विरोधी सोच को दर्शाता है- प्रियंका चतुर्वेदी
इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संजय निषाद के बयान को बेहद आपत्तिजनक और अस्वीकार्य बताया. आईएएनएस को दिए बयान में उन्होंने कहा, "यह बयान उनकी महिला विरोधी सोच को दर्शाता है और यह दिखाता है कि किसी गलत कृत्य को सही दिखाने के लिए एक महिला के सम्मान को भी दरकिनार कर सकते हैं. जो संजय निषाद ने कहा है वो काफी निराशाजनक है और उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए." उन्होंने यह भी कहा कि संजय निषाद का यह दावा कि उनकी बात को गलत तरीके से समझा गया, पूरी तरह झूठा है और उनकी मानसिकता को उजागर करता है.
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि चाहे मामला नीतीश कुमार का हो या प्रज्जवल रेवन्ना, बीजेपी हो या गठबंधन सभी की महिला विरोधी सोच है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अभी तक माफी नहीं मांगी, ये बात बुर्खा और हिजाब की नहीं है, एक महिला का दुपट्टा या कुछ भी ठीक करें तो मुझे उससे आपत्ति है.
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संजय निषाद के इस बयान के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से हटाएंगे. इससे पहले भी प्रियंका चतुर्वेदी ने नीतीश कुमार की इस हरकत को सरासर निंदनीय बताते हुए कहा था कि किसी महिला का घूंघट जबरदस्ती खींचना सार्वजनिक उत्पीड़न के समान है.
क्या था संजय निषाद का वह बयान?
विवाद की जड़ में संजय निषाद का वह बयान है जो उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने सिर्फ हिजाब को छुआ है, अगर कहीं और छू दिया होता तो क्या होता. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि नीतीश कुमार भी एक आदमी हैं और उनके पीछे इतना नहीं पड़ना चाहिए. इस बयान को न सिर्फ असंवेदनशील बल्कि महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला बताया जा रहा है. संजय निषाद की इस टिप्पणी के बाद नीतीश कुमार द्वारा हिजाब हटाने की घटना और ज्यादा तूल पकड़ गई है. विपक्षी दलों ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे सत्ता का अहंकार करार दिया है.