Prithviraj Chavan on Shiv Sena and NCP Split: महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी दो गुटों में बंट चुकी है. एनसीपी का एक गुट शरद पवार के साथ है और दूसरा गुट अजित पवार के साथ है. इसी तरफ शिवसेना में भी दो फाड़ होने के बाद एक गुट एकनाथ शिंदे का तो दूसरा गुट उद्धव ठाकरे का है. अब लोकसभा चुनाव के बीच इसी से जुड़ा एक सवाल कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से पूछा गया कि क्या इस विभाजन का फायदा बीजेपी को मिलेगा?

शिवसेना और एनसीपी में विभाजन पर चव्हाण ने कहा, "यह नैतिक भ्रष्टाचार था. दोनों विभाजन प्रधानमंत्री की स्पष्ट स्वीकृति से हुए. इसके पीछे बीजेपी की मशीनरी थी. वे एमवीए की एकता से डरे हुए थे." वहीं क्या इसका फायदा बीजेपी को होगा, इसपर उन्होंने कहा कि, "दो दलों के विभाजन के बावजूद, बीजेपी ज्यादा संख्या में सीटें नहीं जीत पाएगी. मतदान शुरू होने से पहले, मेरा विश्लेषण था कि एमवीए 48 में से लगभग 25 सीटें जीतेगी. 3 चरणों के बाद, मुझे उम्मीद है कि यह 30 से अधिक सीटें जीतेगी."

शिवसेना में विभाजनदिवंगत बालासाहेब ठाकरे की बनाई शिवसेना महाराष्ट्र में एक प्रमुख राजनीतिक ताकत रही है. हालांकि, आंतरिक मतभेदों और वैचारिक बदलावों ने पार्टी के भीतर विभाजन पैदा कर दिया. एकनाथ शिंदे ने एक गुट का नेतृत्व किया जो शिवसेना से अलग हो गया. इसे एकनाथ शिंदे गुट के नाम से जाना जाता है. वहीं दूसरा गुट उद्धव ठाकरे का बना जिसे शिवसेना (UBT) के नाम से जाना जाता है.

एनसीपी में विभाजनवरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को भी आंतरिक विभाजन का सामना करना पड़ा है. शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने इस विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अजित पवार ने एनसीपी छोड़ दी और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से हाथ मिला लिया, जिससे एक नया गुट बन गया. शरद पवार के नेतृत्व वाला दूसरा गुट 'इंडिया' गठबंधन (कांग्रेस और उद्धव गुट) के साथ जुड़ा हुआ है.

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