महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पहले ही दिन हमें पूरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. 7 मई को हुई आधे घंटे की हवाई मुठभेड़ में हम पूरी तरह पराजित हुए. चाहे लोग इसे स्वीकार करें या न करें. भारतीय विमानों को मार गिराया गया. वायुसेना पूरी तरह ग्राउंडेड कर दी गई थी और एक भी विमान ने उड़ान नहीं भरी.

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पूर्व सीएम ने आगे कहा, ''अगर ग्वालियर, भटिंडा या सिरसा से कोई भी विमान उड़ान भरता तो उसके पाकिस्तान द्वारा मार गिराए जाने की प्रबल संभावना थी. इसी वजह से वायुसेना को पूरी तरह जमीन पर ही रोक दिया गया था.”

BJP सांसदों को व्हिप के सवाल पर क्या बोले चव्हाण?

19 दिसंबर को BJP सांसदों को व्हिप जारी किए जाने के सवाल पर चव्हाण ने कहा, ''उस दिन बीजेपी कुछ विधेयक पारित करने जा रही है, जिनमें परमाणु ऊर्जा के निजीकरण से जुड़ा विधेयक भी शामिल है. इसका इस मामले से कोई अन्य संबंध है या नहीं, यह उन्हें जानकारी नहीं है.'' 

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US की ‘एपस्टीन फाइल्स’ को लेकर चव्हाण का क्या दावा?

कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने किया है एक और बड़ा दावा करते हुए कहा कि अमेरिका की ‘एपस्टीन फाइल्स’ 19 दिसंबर को वहां की संसद में सार्वजनिक की जाएंगी. इनमें सामने आने वाली जानकारी दुनिया को झकझोर देने वाली होगी और इसका भारत की राजनीति पर भी गहरा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, ''जेफ्री एपस्टीन नामक व्यक्ति ने दुनिया के कई प्रभावशाली लोगों को नाबालिग लड़कियां उपलब्ध कराईं, जिनमें भारत के कुछ लोग भी शामिल हैं.''

पृथ्वीराज चव्हाण PM को लेकर पहले भी कर चुके दावा

इससे पहले भी पृथ्वीराज चव्हाण यह दावा कर चुके हैं कि देश का प्रधानमंत्री बदलेगा और नागपुर से संबंधित कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री पद पर बैठेगा. अब भी वे अपने दावे पर कायम हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति को पूरी तरह विफल करार दिया. चव्हाण ने कहा, ''एपस्टीन फाइल्स में भारत के कुछ वर्तमान और पूर्व सांसदों के नाम होने की चर्चा है.''

एपस्टीन की मौत पर सवाल

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ''जेफ्री एपस्टीन ने दुनिया के कई बड़े लोगों को नाबालिग लड़कियां उपलब्ध कराईं. बाद में उसके आत्महत्या करने की खबर आई, लेकिन यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या हो सकती है. ऐसा संदेह है.'' चव्हाण का दावा है कि वे जो कुछ कह रहे हैं, वह अमेरिका की संसद की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित है.

बड़े नेताओं को लड़कियां उपलब्ध कराई गईं- चव्हाण

एपस्टीन कांड की जानकारी देते हुए चव्हाण ने कहा, “1995 से जेफ्री एपस्टीन ने नाबालिग लड़कियों के जरिए बड़े राजनेताओं को हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की. कुछ लड़कियों की शिकायतों के बाद उसे 13 महीने की सजा हुई. बाद में उसे फिर से जेल भेजा गया. उसने जो कुछ किया, वह और जिन राजनेताओं के नाम हैं, वे दुनिया के सामने न आएं इसके लिए उस पर दबाव था.'' 

उन्होंने आगे कहा, ''अगस्त 2019 में न्यूयॉर्क की हाई-सिक्योरिटी जेल में उसकी आत्महत्या की खबर आई, लेकिन किसी को इस पर भरोसा नहीं हुआ. हाई सिक्योरिटी जेल में उसे रस्सी कहां से मिली, उसने आत्महत्या कैसे की. ऐसे सवाल उठे. पोस्टमार्टम के बाद कुछ लोगों ने गला दबाकर हत्या किए जाने की आशंका जताई.''

ट्रंप, बिल क्लिंटन और बिल गेट्स के नाम!

चव्हाण ने कहा, “अपने शोषण और हनी ट्रैप में फंसाए जाने की शिकायतें 100 से अधिक लड़कियों ने कीं, जिसके बाद यह मामला सामने आया. अमेरिका की संसद ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है. इसमें डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी आया है. पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और बिल गेट्स के नाम भी सामने आए हैं. बिल गेट्स ने इसे स्वीकार भी किया है. इंग्लैंड के युवराज प्रिंस एंड्रयू का नाम भी आया, लेकिन उन्होंने आउट-ऑफ-कोर्ट सेटलमेंट कर लिया.”

दुनिया की राजनीति में बड़ा उलटफेर संभव

चव्हाण ने ये भी कहा, ''अगले साल अमेरिका में चुनाव हैं. यदि यह मामला उजागर नहीं हुआ या दोषियों को सजा नहीं मिली, तो चुनावों में इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं. ऐसी आशंका ट्रंप के सांसदों को है. इसी वजह से उन्होंने ट्रंप पर दबाव डाला और दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग की. इसके बाद 19 नवंबर को अमेरिकी संसद में एक कानून पारित हुआ, जिसमें एक महीने के भीतर एपस्टीन फाइल्स सार्वजनिक करने का प्रावधान किया गया. इसलिए 19 दिसंबर को बड़े राजनीतिक उलटफेर की संभावना है.''