महाराष्ट्र में राजस्व विभाग ने पुणे में डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़े 300 करोड़ रुपये के भूमि सौदे की जांच के आदेश दिए हैं और संबंधित सब-रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया है. सूत्रों के अनुसार, विवादित सौदा महार वतन की 40 एकड़ सरकारी जमीन की बिक्री से जुड़ा है, जिसमें पार्थ पवार पार्टनर रहे, जो Amadea Enterprises LLP को बेचा गया. सौदे में कथित अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनमें स्टांप ड्यूटी में छूट और सरकारी संपत्ति की निजी फर्म को अवैध बिक्री शामिल है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए जांच के आदेश दिए हैं. राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि 7/12 एक्सट्रैक्ट में जमीन ‘मुंबई सरकार’ के नाम दर्ज है, जबकि प्रॉपर्टी कार्ड पर विक्रेताओं के नाम दिखाई दे रहे हैं, जिन्होंने इसे निजी फर्म को ट्रांसफर किया.
संबंधित विभागों से सभी जानकारी ली जा रही- देवेंद्र फडणवीस
पार्थ पवार, जो Digvijay Patil के साथ फर्म में साझेदारी रखते हैं, ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की. मुख्यमंत्री फडणवीस ने नागपुर में मीडिया से बातचीत में कहा, “प्राथमिक तौर पर यह मामला गंभीर लगता है. संबंधित विभागों से सभी जानकारी ली जा रही है. जांच के आदेश दे दिए गए हैं. सभी विवरण मिलने के बाद कार्रवाई के बारे में बात करूंगा.”
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने क्या कहा?
RTI एक्टिविस्ट विजय कुंभार ने X पर पोस्ट कर आरोप लगाया है कि पुणे के मुंधवा क्षेत्र की यह जमीन बाज़ार मूल्य से काफी कम दर पर खरीदी गई थी और 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी माफ की गई. राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, ''एक्टिविस्ट अंजली दमानिया द्वारा 11 नवंबर तक प्रस्तुत की जाने वाली शिकायत के बाद विभाग इस मामले की पूरी जांच करेगा. इंडस्ट्रीज विभाग, कुछ उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए छूट या रियायत देता है. वह विभाग सभी संबंधित विवरण देगा."
सरकारी जमीन की पूरी पारदर्शिता से जांच हो- कांग्रेस
विपक्ष ने भी इस सौदे की गहन जांच की मांग की है. कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, “डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी द्वारा खरीदी गई यह सरकारी जमीन की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जानी चाहिए. यह जमीन सरकार की है और इसे राजस्व विभाग की स्वीकृति के बिना बेचा गया.”
जमीन की वास्तविक कीमत 1800 करोड़ रुपये- अंबादास दानवे
शिवसेना (UBT) नेता अंबादास दानवे ने आरोप लगाया कि जमीन की वास्तविक कीमत 1,800 करोड़ रुपये है और केवल 1 लाख रुपये पूंजी वाली कंपनी ने आईटी पार्क बनाने का प्रस्ताव कैसे रखा, यह समझ से परे है. दानवे ने सौदे को 27 दिनों में पूरा होने और स्टांप ड्यूटी माफ करने की भी आलोचना की. दानवे ने आगे कहा, “पहले अजित पवार कहते थे कि लोग सब मुफ्त चाहते हैं. अगर ऐसा है, तो यह जमीन मुफ्त क्यों चाहते हैं?”