महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी सोसाइटी में ज़बरदस्ती बकरा काटा गया, तो हमारी हिंदुत्व सरकार उसके खिलाफ ज़रूर कार्रवाई करेगी. यह किसी के अब्बा का पाकिस्तान नहीं है. यह हमारा हिंदू राष्ट्र है, यहां शरीया कानून लागू नहीं है.
'क्या पटाखे फोड़ना हमारा अधिकार नहीं है'
सपा विधायक अबू आजमी ने कहा कि कुर्बानी देना हमारा अधिकार है. इस पर उन्होंने कहा, "क्या पटाखे फोड़ना हमारा अधिकार नहीं है? होली खेलना हमारा अधिकार नहीं है? यदि हम भी ज़बरदस्ती करने लगें तो? हमें होली खेलने से क्यों रोका जाता है? हमें पटाखे फोड़ने से क्यों रोका जाता है? जब भी कोई हिंदू त्योहार आता है, ये लोग कोई न कोई मुद्दा खड़ा करके त्योहार मनाने से रोकने की कोशिश करते हैं."
'हमें फोकट में सलाह दी जाती है'
नितेश राणे ने कहा, "जब हमारा हिंदू त्योहार आता है, होली पर हमें फोकट में सलाह दी जाती है कि ड्राई होली मनाओ, पर्यावरण के अनुकूल होली मनाओ. जब हमारी दीवाली आती है, तो कहा जाता है कि पटाखे मत फोड़ो, इससे पर्यावरण को नुकसान होता है. अब वही लोग, जो हमें फोकट की सलाह देते हैं, बकरीद के समय क्यों नहीं कहते कि पर्यावरण के अनुकूल बकरीद मनाओ? क्यों नहीं कहते कि 'वर्चुअल बकरा काटो'? ऐसा क्यों नहीं कहा जाता? मुस्लिम समाज मिलकर ऐसा क्यों नहीं सोचता कि इस त्योहार में हजारों बकरे काटे जाते हैं, चलो हम इस बार पर्यावरण के अनुकूल बकरीद मनाते हैं?"
'बकरे काटने की अनुमति क्यों दी जाती है?'
इसके आगे उन्होंने कहा, "कहां गए वे पशु प्रेमी, जो हिंदुओं को सलाह देते हैं? यदि मुस्लिम समाज इस प्रकार की पहल करे, तो इससे बड़ा फर्क पड़ेगा. जो नियम हिंदू त्योहारों पर लागू होते हैं, वही नियम बकरीद पर क्यों नहीं लागू होते? बकरे काटने की अनुमति क्यों दी जाती है?"
'हम सभी बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के अनुसार...'
मंत्री ने ये भी कहा, "जब हमें कहा जाता है कि ड्राई होली मनाओ, तो हम रंग नहीं लगाते. जब कहा जाता है कि 10 बजे के बाद पटाखे मत फोड़ो, तो हम नहीं फोड़ते. हम सभी बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के अनुसार चल रहे हैं, शरीया कानून के अनुसार नहीं. जो नियम हम हिंदू मानते हैं, वही नियम मुस्लिम समाज क्यों नहीं मानता? यही मेरा सवाल है."