चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अहम बैठक चल रही है, जिसमें भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए हैं. यह समिट ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक स्तर पर आर्थिक और कूटनीतिक तनाव गहराते दिख रहे हैं. 

इसी बीच, भारत की राजनीति में भी इसकी गूंज सुनाई दी और विपक्ष ने सरकार की विदेश नीति को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी. पुणे से सांसद और एनसीपी (एससीपी) नेता सुप्रिया सुले ने इसे कांग्रेस की पुरानी नीति बताई है.

जवाहरलाल नेहरू की नीति दोहराई जा रही- सुप्रिया सुले

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जिस नीति को लेकर पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की आलोचना करते थे, आज वही दिशा खुद उनकी सरकार ने पकड़ ली है. उनका कहना है कि रूस, चीन और भारत की संयुक्त भागीदारी कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह दशकों पुरानी परंपरा है.

उन्होंने कहा, "आपको याद होगा तब URRS था, और रूस, चीन और भारत ये बहुत सारी पॉलिसी में एक साथ काम करते थे और आज फिर वही हो रहा है. जो पॉलिसी पं जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने चलाई वही आज ये सरकार भी चला रही है."

आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस के संदेश का स्वागत- सुप्रिया सुले

इस बीच पीएम मोदी ने SCO मंच से स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है.  सुप्रिया सुले ने आतंकवाद पर मोदी के बयान का स्वागत किया और कहा कि इस मुद्दे पर भारत की आवाज को वैश्विक मंच पर सुनाना बेहद अहम है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है और संयुक्त राष्ट्र समेत कई मंचों पर बार-बार इस पर चर्चा हो चुकी है.

उन्होंने कहा, “जीरो टॉलरेंस की नीति आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एजेंडा होना चाहिए.” सुले ने स्वीकार किया कि SCO मंच से इस विषय को उठाना भारत के लिए गर्व की बात है. उनका मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को एकजुट होना ही होगा.