Maharashtra Politics: 'सुनील तटकरे को तत्काल निलंबित करें', NCP सांसद सुप्रिया सुले का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र
Supriya Sule letter: शरद पवार गुट की एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में ये मांग की गई है कि सांसद सुनील तटकरे को तत्काल निलंबित किया जाए.

Supriya Sule Wrote letter to OM Birla: सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है. सांसद सुप्रिया सुले ने सांसद सुनील तटकरे को तत्काल निलंबित करने की मांग की है. सुप्रिया सुले ने मांग पत्र के माध्यम से लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे के खिलाफ परिशिष्ट दस के अनुसार कार्रवाई की जाए.
एनसीपी सांसद ने कही ये बात
सुप्रिया सुले ने 'X' पर ओम बिरला को टैग करते हुए लिखा, 'मैंने 4 जुलाई 2023 को भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत सुनील तटकरे को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए एक अयोग्यता याचिका दायर की थी. चार महीने हो गए, कोई कार्रवाई नहीं हुई. दोषी सांसद की हरकतें दसवीं अनुसूची पर एक जबरदस्त हमला है और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को सच्ची भावना में बनाए रखने के लिए ऐसी याचिकाओं के समय पर समाधान का निर्देश दिया है. मैं अनुरोध करती हूं कि कृपया याचिका पर निर्णय देने में और देरी न करें.'
Respected @ombirlakota ji,
— Supriya Sule (@supriya_sule) November 3, 2023
I had filed a Disqualification Petition on 4 July 2023 seeking the disqualification of Sunil Tatkare under the Tenth Schedule of the Constitution of India. It’s been 4 months with no action taken. The delinquent MP’s actions are a blatant attack on the… pic.twitter.com/gsYk2iAhFH
कब दायर की गई थी याचिका?
चार महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर सुप्रिया सुले ने पत्र के जरिए खेद जताया है. सुले का कहना है कि, हमने सांसद सुनील तटकरे को अयोग्य ठहराने के लिए 4 जुलाई को याचिका दायर की थी लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. याचिका में कहा गया है कि, पार्टी के इन दोनों सांसदों ने राष्ट्रवादी पार्टी (NCP) की विचारधारा को किनारे कर दिया है. इन नेताओं ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पार्टी विरोधी कार्रवाई की है. इसलिए इसने संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, दलबदल विरोधी कानूनों के तहत इन नेताओं के खिलाफ तत्काल अयोग्यता की कार्रवाई की जाए.
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Source: IOCL






















