Maharashtra News: एनसीपी के सीनियर नेता छगन भुजबल ने शुक्रवार (31 जनवरी) को कहा कि मुझे किसी राज्य का राज्यपाल बनाना मेरे मुंह पर ताला लगाने जैसा होगा. मेरा काम समाज के गरीब और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए लड़ना है. उन्होंने तेलगी स्टांप पेपर घोटाले में कुछ आरोप सामने आने पर जल्दबाजी में उनका इस्तीफा मांगने के लिए शरद पवार पर भी हमला किया. साथ ही छगन भुजबल ने देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, छगन भुजबल ने एक शैक्षणिक संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मुझे राज्यपाल का पद देना मेरे मुंह पर ताला लगाने जैसा है. मैं राज्यपाल के रूप में क्या करूंगा? मेरा काम गरीब और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए लड़ना है. क्या मैं राज्यपाल बनने के बाद उस लड़ाई को जारी रख पाऊंगा? भुजबल ने स्पष्ट किया कि वह राज्यपाल के पद का अनादर नहीं कर रहे हैं.
गवर्नर पद पर क्या बोले भुजबल?उन्होंने कहा कि गवर्नर का पद लेने से वह ओबीसी और अन्य समुदायों के अधिकारों और आरक्षण के लिए काम नहीं कर पाएंगे. वहीं जब उनसे पूछा गया कि वह बीजेपी के साथ गठबंधन करते हुए फुले-शाहू-अंबेडकर की विचारधारा को कैसे बनाए रखने की योजना बना रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि इस विचारधारा को अब व्यापक रूप से अपनाया गया है.
बीजेपी के साथ आने पर क्या बोले?शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में (जून 2022 और नवंबर 2024 के बीच), अजित पवार के महायुति में शामिल होने से पहले ही (जुलाई 2023 में) मैंने (तत्कालीन डिप्टी सीएम) देवेंद्र फडणवीस से मंत्रालय में महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के चित्र लगाने का अनुरोध किया था. उन्होंने तुरंत इस पर कार्रवाई की. भुजबल ने बताया कि भिड़े वाडा में (फुले) स्मारक परियोजना भी अमल में आई. अगर लोग मेरी बात सुनते हैं और मेरी मांगों को पूरा करते हैं, तो मुझे उनके (बीजेपी) साथ काम करने में कोई समस्या नहीं है.
उन्होंने सवाल किया कि अगर वे ओबीसी का समर्थन करते हैं और फुले, शाहू और अंबेडकर के दिखाए रास्ते पर चलते हैं, तो मुझे उनके साथ काम करने में कोई समस्या क्यों होनी चाहिए? तेलगी घोटाले के बाद उपमुख्यमंत्री के पद से उनके इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर भुजबल ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री के रूप में पूरे मामले को उजागर किया और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ मकोका लगाया. मेरे खिलाफ कुछ आरोपों के बाद शरद पवार ने मेरा इस्तीफा मांग लिया. मैंने दो घंटे के भीतर उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया.
क्लीन चिट मिलने के बाद भी मेरी छवि खराब हुई- भुजबलजबकि बाद में मैंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अनुरोध किया कि मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जांच की और निष्कर्ष निकाला कि घोटाले में मेरी कोई भूमिका नहीं थी. हालांकि, भुजबल ने कहा कि भले ही मैंने इस्तीफा दे दिया और केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच में मुझे क्लीन चिट दे दी गई, लेकिन घोटाला की वजह से अभी भी मेरी छवि प्रभावित होती है.