Nagpur Violence: नागपुर हिंसा मामले में 46 गिरफ्तार, पुलिस ने निकाला रूट मार्च, जानें अब तक क्या हुआ?
Nagpur Violence Latest News: नागपुर में सोमवार को हिंसक घटना के बाद मंगलवार को हंसपुरी रोड इलाके में एक और झड़प की घटनाएं हुईं, जिस पर पुलिस ने समय रहते काबू पा लिया. जानें अब तक क्या हुआ?

Nagpur Violence News Today: महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर वीएचपी और बजरंग दल के प्रदर्शन के दौरान सेंट्रल नागपुर में सोमवार को हिंसक घटनाएं हुई. इस मामले में अब तक 5 एफआईआर पुलिस ने दर्ज की है. 46 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा, पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में भी लिया है. मंगलवार की रात पुलिस ने दंगा प्रभावित इलाकों में शांति बहाली के मकसद से ‘रूट मार्च’ निकाला.
हालांकि, हंसपुरी रोड इलाके में मंगलवार की रात एक और झड़प घटनाएं हुई, जिस पर पुलिस ने समय रहते काबू कर लिया. फिलहाल, नागपुर हिंसा को लेकर सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है.
नागपुर हिंसा की घटनाओं में अब तक क्या हुआ?
- नागपुर पुलिस ने पुलिस आयुक्त रविन्द्र सिंघल के नेतृत्व में चिटनिस पार्क चौक से लेकर भल्दारपुरा चौक, अग्रसेन चौक, सेवा सदन चौक और गीतांजलि टॉकीज चौक होते हुए हंसपुरी रोड तक रूट मार्च निकाला. पुलिस आयुक्त रविन्द्र सिंघल के मुताबिक पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा कैसे शुरू हुई और ‘‘कुछ लोगों’’ ने अचानक इसे कैसे भड़काया?
- न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंघल के हवाले से बताया कि रूट मार्च निकालने का मकसद यह समझना था कि कहीं हिंसा दोहराने की कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है. रूट मार्च से क्षेत्र पर नियंत्रण सुनिश्चित होता है. ताकि लोगों का विश्वास न टूटे और उन्हें पता चले कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.’’
- पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंघल ने कहा कि पुलिस नागपुर हिंसा मामले में इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा कैसे शुरू हुई और ‘कुछ लोगों’ ने अचानक इसे कैसे भड़काया उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या सोशल मीडिया का इस्तेमाल (अफवाह फैलाने के लिए) किया गया था’’ उन्होंने ये भी बताया कि कर्फ्यू फिलहाल लागू रहेगा और इसमें ढील देने का फैसला स्थिति पर निर्भर करेगा.
- नागपुर शहर में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू है. पुलिस को हर हाल में शांति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. धारा 163 के उल्लंघन के मामले में अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है.
- दरअसल, नागपुर हिंसा को लेकर अधिकारियों ने कहा कि सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ जलाया गया है. इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया, जिससे 6 आम नागरिक और 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए.
- पुलिस के अनुसार, पुराने भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच एक और झड़प हुई अनियंत्रित भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और इलाके में घरों तथा एक क्लीनिक में तोड़फोड़ की.
- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि हिंसा पूर्व नियोजित थी फडणवीस ने “बढ़ी हुई भावनाओं” के लिए फिल्म छावा की रिलीज को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें संभाजी महाराज के खिलाफ औरंगजेब द्वारा किए गए क्रूर अत्याचारों को दिखाया गया है.
- वीएचपी ने औरंगजेब की कब्र पर राजाराम महाराज, धनाजी जाधव का स्मारक बनाने की मांग की है. विश्व हिंदू परिषद के नेता देवेश मिश्रा ने कहा कि औरंगजेब का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जबकि विहिप सदस्य राजकुमार शर्मा ने कहा है कि नागपुर हिंसा औरंगजेब समर्थकों द्वारा पूर्व नियोजित था.
- शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने नागपुर हिंसा को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि नागपुर में जो भी हिंसा हुई है, वह बीजेपी की पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जो मणिपुर में भी लागू की गई थी बीजेपी ने मणिपुर में भी हिंसा फैलाकर माहौल खराब किया था और आज उस राज्य में निवेश नहीं आ रहा है उन्होंने कहा कि यह घटना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृहनगर में हुई है दुख की बात है कि जब बीजेपी शासन नहीं कर पाती है, तो वह हिंसा, दंगे करवाती है, यही उनका हर राज्य में तय फार्मूला है.
- आदित्य ठाकरे ने सलाह दी कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क कर इस मसले का हल निकालें.देवेंद्र फडणवीस को नरेंद्र मोदी को फोन करके इस कब्र को हटाने के लिए कहना चाहिए, क्योंकि यह केंद्र सरकार के अधीन आता है.
- महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी ) के विधान पार्षद (एमएलसी) अनिल परब पर परोक्ष रूप से मंगलवार को तंज कसा, जिसके बाद राज्य विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. शिंदे ने मुगल बादशाह औरंगजेब के कथित महिमामंडन पर सवाल उठाया. उपमुख्यमंत्री ने सदन में कहा, ‘‘औरंगजेब कौन है? हमें अपने राज्य में उसका महिमामंडन क्यों होने देना चाहिए? वह हमारे इतिहास पर एक धब्बा है.’’
- एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुगल बादशाह ने मराठा शासक छत्रपति संभाजी राजे को इस्लाम धर्म अपनाने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया, जिसकी वजह से उन्हें प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया.
उद्धव ठाकरे को लेकर एकनाथ शिंदे का चौंकाने वाला खुलासा, कहा- 'पीएम मोदी से माफी...'
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















