Maharashtra Nagpur Violence News: महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार (17 मार्च) को औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हिंदूवादी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान यह अफवाह फैली कि पवित्र पुस्तक को जला दिया गया. इसको लेकर तनाव बढ़ गया. उसके बाद शाम करीब 7:30 बजे महल के चिटनिस पार्क इलाके में झड़पें हुईं, जिसमें पुलिस पर पत्थर फेंके गए, जिसमें छह नागरिक और तीन अधिकारी घायल हो गए. 

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वहीं बाद में यह अशांति कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई, जो रात को और बढ़ गई. लगभग एक हजार लोग बड़े पैमाने पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी में शामिल थे, जिसमें कई वाहन और घर क्षतिग्रस्त हो गए. हालात को काबू में करने के लिए हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया. वहीं पुलिस ने महल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान के दौरान 47 लोगों को गिरफ्तार किया. नागपुर हिंसा की 10 बड़ी बातें

1- महाराष्ट्र पुलिस की एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर तनाव के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. नागपुर पुलिस आयुक्त रविन्द्र कुमार सिंघल द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, प्रतिबंध अगले आदेश तक लागू रहेंगे. कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर पुलिस थाना सीमाओं पर लागू है.

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2- आदेश में कहा गया है कि पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए धारा 163 के तहत प्रभावित क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है. इस दौरान कोई भी व्यक्ति मेडिकल कारणों के अलावा अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर न निकले और न ही घर के अंदर पांच से अधिक लोग एकत्र हों. साथ ही किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने पर रोक लगाने और ऐसे सभी कार्यों पर रोक लगाने के आदेश पारित किए जाते हैं.

3- पुलिस को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभावित इलाकों में सड़कें बंद करने का अधिकार दिया गया है. कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत दंडनीय है. हालांकि, आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ-साथ सरकारी/प्रशासनिक अधिकारियों/कर्मचारियों, आवश्यक सेवाओं के लिए उपस्थित होने वाले छात्रों और अग्निशमन विभाग और विभिन्न विभागों से संबंधित व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा.

4- हंसपुरी के एक प्रत्यक्षदर्शी ने ने कहा, "एक टीम यहां आई, उनके चेहरे स्कार्फ से छिपे हुए थे. उनके हाथों में धारदार हथियार, स्टिकर और बोतलें थीं. उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया, दुकानों में तोड़फोड़ की और पत्थरबाजी की. उन्होंने वाहनों में भी आग लगा दी. एक अन्य स्थानीय निवासी ने भी इस घटना की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि उन्होंने दुकानों में तोड़फोड़ की. 8-10 वाहनों में आग लगा दी. 

5- इससे पहले नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने निवासियों को आश्वासन दिया था कि स्थिति अब नियंत्रण में है. उन्होंने कहा "यह घटना रात 8-8:30 बजे के आसपास हुई. बहुत ज्यादा वाहनों में आग नहीं लगाई गई है. हम नुकसान का आकलन कर रहे हैं। दो वाहनों में आग लगाई गई है और पत्थरबाजी की गई है. पुलिस तलाशी अभियान चला रही है और इसमें शामिल लोगों की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. हमने धारा 144 लागू कर दी है और सभी को निर्देश दिया गया है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें या कानून को अपने हाथ में न लें. अफवाहों पर विश्वास न करें. इस इलाके को छोड़कर, पूरे शहर में शांति है."

6- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि नागरिक इस स्थिति में प्रशासन का पूरा सहयोग करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में हैं और नागरिकों को उनका सहयोग करना चाहिए. देवेंद्र फडणवीस ने किसी भी अफवाह पर यकीन न करने और प्रशासन का पूरा सहयोग करने की अपील की है. 

7- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो संदेश में कहा कि नागपुर का इतिहास हमेशा से शांति का रहा है. मैं अपने सभी भाइयों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. अफवाहों पर विश्वास न करें और सड़कों पर न उतरें. गडकरी ने लोगों से कानून-व्यवस्था और सद्भाव की परंपरा को बनाए रखने में प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. 

8- कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है, वे क्या करेंगे? यह सब पुलिस की निगरानी में हो रहा है. यह सीएम का घर है, इसलिए उन्हें देखना चाहिए कि क्या हो रहा है. अगर आप नफरत फैलाएंगे, तो देश में शांति भंग होगी और विकास नहीं होगा. अगर उन्होंने सरकार बनाई है, तो उन्हें लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए, लेकिन वे 400 साल पुराने मुद्दों को खोद रहे हैं."

9- महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने हिंसा पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "महाल क्षेत्र में दो गुटों के बीच हुए विवाद के बाद शहर में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न होना दुर्भाग्यपूर्ण है." इसी बीच उन्होंने नागपुरवासियों से शांति बनाए रखने और प्रशासन को स्थिति नियंत्रित करने में सहयोग देने की अपील की है. 

10- शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा, "राज्य की कानून व्यवस्था पहले से कहीं ज़्यादा चरमरा गई है. मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का गृहनगर नागपुर भी इसका सामना कर रहा है."

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