Vile Parle Jain Temple: मुंबई की सड़कों पर शनिवार (19 अप्रैल) को एक अलग ही हलचल दिखी. आस्था के अपमान के खिलाफ हजारों लोग मौन मार्च करते नजर आए. वजह थी विले पार्ले में स्थित एक जैन मंदिर को अचानक गिरा दिया जाना. अब इस पूरे मामले ने राजनीतिक और सामाजिक रंग ले लिया है.

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने इस विवाद के बीच के-ईस्ट वार्ड के प्रभारी सहायक नगर आयुक्त नवनाथ घाडगे का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार यह कार्रवाई 16 अप्रैल को नेमिनाथ कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के अंदर बने जैन मंदिर को कथित रूप से ‘अनधिकृत ढांचा’ बताकर ढहाने के बाद की गई.

भारी संख्या में जैन समुदाय के लोगों ने किया मार्च

शनिवार (19 अप्रैल) को भारी संख्या में जैन समुदाय के लोग और उनके समर्थक सड़कों पर उतरे. महाराष्ट्र गौशाला संघ के परेश शाह के अनुसार, इस विरोध मार्च में 20,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें धार्मिक गुरु, मंत्री मंगल प्रसाद लोढ़ा, बीजेपी विधायक पराग अलवानी और कई अन्य राजनीतिक नेता शामिल रहे.

बिना सुनवाई मंदिर गिराना भावना के साथ खिलवाड़- प्रदर्शनकारी

प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 2 घंटे तक BMC अधिकारियों से बैठक की और अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मांगों का ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि बिना सुनवाई और ट्रस्टियों को जवाब देने का मौका दिए मंदिर गिराना न केवल प्रशासनिक चूक है, बल्कि समुदाय की भावना के साथ खिलवाड़ भी है.

परेश शाह ने कहा, “बीएमसी की कार्रवाई से पूरा जैन समाज आहत है. इस मामले में केवल तबादला नहीं, जिम्मेदार अधिकारी का निलंबन जरूरी है.”

सहिष्णुता और सांप्रदायिक सौहार्द्र पर सीधा हमला- पवन खेड़ा

इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्म हो गई है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “90 साल पुराने दिगंबर जैन मंदिर को बिना किसी सुनवाई के तोड़ा गया, यह सहिष्णुता और सांप्रदायिक सौहार्द्र पर सीधा हमला है. BJP को आखिर देश में भाईचारे से क्या दिक्कत है?”