Mumbai News: मुंबई यूनिवर्सिटी के एटीकेटी के छात्र लॉ की परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र में प्रश्नों के उत्तर को देखकर हक्के-बक्के रह गए. मुंबई विश्वविद्यालय (एमयू) ने सोमवार को बीएलएस परीक्षा (बैचलर ऑफ लीगल साइंस) देने वाले नौवें सेमेस्टर और पांचवें सेमेस्टर के रिपीटर्स के लिए उत्तर के साथ प्रश्नपत्र दे दिया. प्रत्येक 20 एमसीक्यू (बहुविकल्पीय प्रश्न) के बाद प्रश्नों के उत्तर दिये गए थे.

पेपर से परीक्षा केंद्र नहीं कर सकते छेड़छाड़

एक लॉ कॉलेज के वरिष्ठ फैकल्टी मैंबर ने कहा कि प्रश्न पत्र में प्रश्नों के उत्तर देखकर हम हैरान रह गए. जब हमने प्रश्न पत्रों में आंसर देखे तो हमने तुरंत लॉ डिपार्टमेंट के डीन को सूचित किया. हमने उन्हें बताया कि इस प्रश्न पत्र का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कोई भी संस्थान विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए प्रश्न पत्र से छेड़छाड़ नहीं करता है. प्रश्न पत्र को केवल डाउनलोड कर परीक्षार्थियों के बीच वितरित किया जाता है.

मुंबई यूनिवर्सिटी को तुरंत कराया गया सूचित

मुंबई यूनिवर्सिटी को जब उसकी इस गलती से अवगत कराया गया तो उन्होंने 3 बजे के आस-पास नया प्रश्न पत्र भेजा. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि हमें दो परीक्षा केंद्रों ने इस मामले की सूचना दी. इससे बाद हमने नया प्रश्नपत्र जारी किया. कॉलेजों ने दावा किया कि किसी भी छात्र को उन प्रश्नपत्रों को नहीं बांटा गया जिनपर उत्तर अंकित थे. एक अन्य कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि दोबारा प्रश्न पत्र के मंगाए जाने से परीक्षा में थोड़ी देरी हुई, लेकिन परीक्षार्थियों को परीक्षा के लिए उतना ही फालतू समय दिया गया.

स्टूडेंट लॉ काउंसिल के अध्यक्ष बोले यह गंभीर चूक

स्टूडेंट लॉ काउंसिल के अध्यक्ष सचिन पवार ने साल 2019 के समय को याद करते हुए कहा कि उस समय भी मुंबई विश्वविद्यालय से ऐसी ही गलती हुई थी. प्रश्न पत्रों में उत्तर कैसे दिये जा सकते हैं क्यों उन्हें कोई बाद में चेक नहीं करता. यह गंभीर चूक है. यह भी पढ़ें:

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