Mumbai University Asks Questions Beyond Question Bank: मुंबई यूनिवर्सिटी (Mumbai University) में आजकल समर एग्जाम्स चल रहे हैं. इंजीनियरिंग से लेकर लॉ तक कई स्ट्रीम्स के छात्र परीक्षा दे रहे हैं. हाल ही में हुए एक पेपर को देखने के बाद वहां के छात्रों के हाथ-पांव फूल गए. दरअसल इस विषय में यूनिवर्सिटी द्वारा उपलब्ध कराए गए क्वैश्चन बैंक (Mumbai University Question Bank) से एक भी या कहें न के बराबर प्रश्न आए. हालांकि पेपर था सिलेबस के अंदर से ही पर छात्र केवल क्वैश्चन बैंक के भरोसे बैठे थे, जिससे उन्हें निराशा हाथ लगी. इसकी एक वजह ये भी थी कि पिछले कई विषयों में पेपर (Mumbai University Exams 2022) का काफी हिस्सा इन क्वैश्चन बैंक से ही आया था.
किन विषयों में हुई गूगली –
लॉ के सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के तीसरे साल के छात्रों के साथ ऐसा हुआ. इनके विषयों के पेपरों में लगभग कुछ भी क्वैश्चन बैंक से नहीं आया. वहीं लॉ के तीसरे साल के छात्रों के हाल ही में हुए पेपर मे करीब 80 प्रतिशत हिस्सा क्वैश्चन बैंक से आया था इससे बाकी छात्रों को भी उम्मीद बंध गई थी.
इंजीनियरिंग के छात्रों का भी ऐसा ही रहा अनुभव –
जब से कोविड आया है तब से परीक्षाओं के समय छात्र यूनिवर्सिटी द्वारा दिए जाने वाले क्वैश्चन बैंक पर या रिफरेंस मैटीरियल पर कुछ ज्यादा ही निर्भर रहने लगे हैं. हालांकि इस बार भी प्रश्न मल्टीपल च्वॉइस के पूछे गए लेकिन छात्रों ने अधिकतर तैयारी क्वैश्चन बैंक से ही की थी. इंजीनियरिंग के छात्रों को भी निराशा हाथ लगी जब प्रश्न आए सिलेबसे लेकिन रिफरेंस मैटीरियल से नहीं.
क्या कहना है शिक्षकों का –
इस बारे में यूनिवर्सिटी के टीचर्स का मत है कि क्वैश्चन बैंक केवल रिफरेंस के लिए होते हैं. अगर पेपर सिर्फ उनसे ही बनना हो तो टेक्स्ट बुक, डिटेल्ड सिलेबस आदि का क्या फायदा. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी लेवल पर आकर छात्र इस तरह की सुविधाओं की उम्मीद करें और फिर निराश हों ये भी ठीक नहीं.
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