Mumbai News: मॉनसून के आते ही तलोजा जेल के कैदियों को सताने लगा डेंगू-मलेरिया का खौफ, कोर्ट से की ये मांग
Mumbai: जेल प्रशासन ने कोर्ट में कहा कि मच्छरदानी में मोटे तार है, इससे कैदियों को खतरा हो सरता है इसलिए वे कैदियों को मच्छरदानी का इस्तमाल करने की अनुमति नहीं देंगे.
Mumbai News: मुंबई में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. ऐसे में नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद एक दर्जन से अधिक कैदियों ने डेंगू-मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी की मांग करते हुए विभिन्न अदालतों का दरवाजा खटखटाया है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जेल अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कैदियों को यह कहते हुए मच्छरदानी देने से मना कर दिया कि मच्छरदानी के तार मजबूत हैं और कैदियों द्वारा खुद को या अन्य कैदियों को नुकसान पहुंचाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.
जेल अधिकारियों ने जब्द की मच्छरदानी
खबर के मुताबिक जेल अधिकारियों ने पिछले महीने कैदियों द्वारा पहले से इस्तेमाल की जा रही मच्छरदानी जब्त कर ली थीं. इसके बाद कैदियों और जेल प्रशासन के बीच नोकझोंक हो गई थी. विवाद इतना बढ़ गया था कि एक कैदी ने एक कैदी ने जेल अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसकी मच्छरदानी चोरी की है, जिसकी कीमत 620 रुपए थी. कुछ अन्य कैदियों ने भी अपनी पुरानी मच्छरदानी वापस लेने और नई मच्छरदानी की खरीद की मांग करते हुए अदालतों का दरवाजा खटखटाया.
नहीं देंगे मच्छरदानी की अनुमति
जब अदालत ने कैदी से पूछा कि वह मच्छरों ने निपटने के लिए कॉइल, लोशन या अन्य विकल्पों का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे हैं? इस पर बंदी याचिकाकर्ता ने जवाब दिया कि उसे अस्थमा की समस्या है और कॉइल केवल अस्थाई रूप से प्रभावी है. बता दें कि तलोज जेल में हर साल मलेरिया के मामले सामने आते हैं. साल 2014 में जेल अधिकारियों द्वारा दी गई एक रिपोर्ट में जेल में कई कैदी मलेरिया संक्रमित पाए गए थे. जेल अधिकारियों का कहना है कि वे मच्छरदानी का विकल्प तलाश रहे हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से वे मच्छरदानी की अनुमति नहीं देंगे. कोर्ट इस सप्ताह के अंत में कैदियों की इस याचिका पर फैसला ले सकती है.
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