Maharashtra Political Crisis: शिवसेना (Shivsena) में बगावत के बाद राज्य में राजनीतिक संकट के बीच, मुंबई पुलिस ने शनिवार को शहर में गैरकानूनी रूप से जमा होने पर प्रतिबंध लगाने के लिए सीआरपीसी (CrPC) की धारा 144 लागू कर दी और सभी मंत्रियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों के आवासों और कार्यालयों पर सुरक्षा बढ़ा दी है. इस बीच बागी विधायकों को लेकर अलग हुए एकनाथ शिंदे के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हो रहा है.
लोगों के इकट्ठा होने पर मनाही
बता दें कि हिंसा की कुछ घटनाओं के बाद पुलिस हाई अलर्ट पर है. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पार्टी के कुछ बागी विधायकों के कार्यालयों पर हमला किया. इस बीच मुंबई पुलिस ने शनिवार को कहा कि शादियों, अंतिम संस्कार, सिनेमा हॉल और अदालतों, कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों, अन्य सामाजिक समारोह जैसे अपवादों को छोड़कर सड़कों पर कहीं भी पांच से अधिक लोगों की सभा की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा, किसी भी विवादास्पद बैनर या पोस्टर को लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि यह भावनाओं को भड़का सकता है, जिससे मुंबई में कानून और व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है.
मुंबई पुलिस कमिश्नर ने की बैठक
मुंबई पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि शुक्रवार को पुलिस आयुक्त संजय पांडे ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें सुरक्षा कड़ी करने को कहा. इसी क्रम में, नेहरू नगर पुलिस ने शुक्रवार दोपहर बागी विधायक मंगेश कुडलकर के पार्टी कार्यालय के बाहर एक बोर्ड को नुकसान पहुंचाने के लिए कुर्ला (पूर्व) से शिवसेना के स्थानीय नेता दिलीप मोरे और उनके 19 शिवसेना कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है.