NSG Commondo Vs Instant Loan App: नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के एक कमांडो को मोबाइल ऐप के जरिए पैसे उधार लेने के बाद रिकवरी एजेंटों ने परेशान करना शुरू किया. इस बीच एजेंटों को यह समझ नहीं आ रहा था कि वे एक उच्चस्तरीय बल के सदस्य को परेशान कर रहे हैं. कुछ दिनों तक परेशानी सहने के बाद, 29 वर्षीय कमांडो ने अपने विभाग से शिकायत की, जिसने कुछ ही समय में एजेंटों का पता लगा लिया. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को त्वरित समाधान के लिए एनएसजी को सौंप दिया जाना चाहिए.
इंस्टेंट लोन ऐप से लिया था लोन
पवई निवासी शिकायतकर्ता ने पिछले महीने लोन के लिए आवेदन किया था. उन्होंने बताया कि मुझे पैसे की जरूरत थी और मैंने गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से एक इंस्टेंट लोन ऐप को इंस्टाल दिया. 2 मई को, मैंने 3,000 रुपये के लोन के लिए अप्लाई किया लेकिन मेरे खाते में केवल 1,900 रुपये ही आए. कुछ दिनों के बाद, मुझे ऋण चुकाने के लिए कॉल और संदेश आने लगे और मैंने पूरी राशि का भुगतान ऐप की यूपीआई आईडी पर किया जो कि लगभग 7200 रुपये था, हालांकि मुझे उसके बाद भी कई फोन आए, जिसमें कहा गया था कि मेरा लोन बाकी है और मुझे इसे चुकाना है.
परेशान होकर कमांडों ने विभाग को कर दी शिकायत
कमांडो ने कहा कि जून में, उत्पीड़कों ने अपनी अगली चाल पर चली. वसूली एजेंटों ने मेरे आधार और पैन कार्डों से छेड़छाड़ की और कई अश्लील बातें लिखीं. वे मुझे गाली देने लगे. वे मेरे कॉनटैक्ट लिस्ट और रिश्तेदारों को आपत्तिजनक संदेश भेजने लगे. मेरी संपर्क सूची में इतने सारे कमांडो और पुलिस अधिकारियों के नंबर हैं. वे भी मुझसे इस बारे में पूछने लगे. इसके बाद मैंने अपने विभाग को घटना के बारे में सूचित किया. बकौल मिड-डे पोर्टल, कमांडो को उसके विभाग ने पहले पवई पुलिस में शिकायत दर्ज कराने को कहा था. तब उनकी उच्च प्रशिक्षित टीम और बड़े अधिकारियों ने मामले को अपने हाथ में ले लिया.
2-3 दिन में आरोपियों का लगाया पता
उन्होंने बताया कि मेरे विभाग ने आरोपियों का पता लगाया और उनकी पहचान कर ली गई है. एजेंट इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल करते थे और धमकी भरे संदेश भेजते थे. अब, वे हमारे रडार पर हैं. फिलहाल कमांडो ने राहत की सांस ली. उन्होंने कहा कि अगर राज्य साइबर सेल हमें इन आरोपियों का पता लगाने का अधिकार देता है, तो हम इसे 2-3 दिनों में कर सकते हैं. हमें इसे करने के लिए बस अनुमति चाहिए.